प्रदेश हाई कोर्ट ने हमीरपुर से भाजपा विधायक आशीष शर्मा को अग्रिम जमानत दे दी है। न्यायाधीश संदीप शर्मा ने आशीष शर्मा द्वारा दायर अग्रिम जमानत याचिका को स्वीकारते हुए उन्हें सशर्त अग्रिम जमानत प्रदान की है। शर्त के अनुसार, विधायक आशीष शर्मा कोर्ट की अनुमति के बिना विदेश नहीं जा सकेंगे। उन्हें नियमित रूप से ट्रायल कोर्ट के समक्ष उपस्थित रहना होगा, और यदि किसी कारणवश उपस्थिति में कठिनाई हो, तो उन्हें ट्रायल कोर्ट में उपस्थिति से छूट संबंधी आवेदन दायर करना होगा।
मामले की सुनवाई के दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नवदीप सिंह, पुलिस उपाधीक्षक शिमला शहरी मानवेंद्र ठाकुर, पुलिस लाइन कैंथू में तैनात इंस्पेक्टर मनोज कुमार, और बालूगंज पुलिस स्टेशन के जांच अधिकारी एएसआई छोटू राम उपस्थित थे। जांच अधिकारी ने कोर्ट को बताया कि 12 मार्च को प्रार्थी को दी गई अंतरिम अग्रिम जमानत की शर्तों के अनुसार प्रार्थी ने जांच में सहयोग किया है। हालांकि, मामले की जांच अभी पूरी नहीं हुई है।
सरकार की ओर से कहा गया कि प्रार्थी पर संगीन आरोप लगे हैं, परंतु यदि कोर्ट अग्रिम जमानत याचिका स्वीकार करता है, तो प्रार्थी पर कड़ी शर्तें लगाई जाएं। कोर्ट ने कहा कि जमानत का उद्देश्य मुकदमे में आरोपी की उपस्थिति सुनिश्चित करना है। सजा के तौर पर जमानत नहीं रोकी जा सकती। शिमला के बालूगंज पुलिस स्टेशन में विधायक आशीष शर्मा के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
आपराधिक न्यायशास्त्र की एक मौलिक अवधारणा है कि दोषी पाए जाने तक किसी भी व्यक्ति को निर्दोष माना जाता है। याचिका में दिए तथ्यों के अनुसार, विधायक आशीष शर्मा के खिलाफ शिमला के बालूगंज पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता की धारा 171ए, 171सी, 120बी, और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 एवं 8 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। शिकायत में कहा गया है कि प्रार्थी ने अन्य आरोपियों के साथ मिलकर सरकार गिराने की साजिश रची थी।