देश के उत्तर पूर्वी राज्यों में कैंसर के सबसे अधिक मामले सामने आए हैं। हिमाचल प्रदेश कैंसर के मामलों में देश में दूसरे स्थान पर आ गया है, जो चिंता का विषय है। इसी को ध्यान में रखते हुए कैंसर मरीजों को राहत प्रदान करने के लिए यह क्रांतिकारी निर्णय लिया गया है। इसके तहत प्रदेश में कैंसर से ग्रसित मरीजों को मुफ्त दवाइयां प्रदान की जाएंगी और उनका इलाज भी पूरी तरह से नि:शुल्क किया जाएगा। यह घोषणा मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला में स्टेट एडवाइजरी बोर्ड ऑन कैंसर एंड पल्लिएटिव केयर प्रोग्राम की प्रथम बैठक की अध्यक्षता करते हुए की। उन्होंने कहा कि यह सुविधा विभिन्न सरकारी अस्पतालों में प्रदान की जाएगी।
प्रदेश सरकार सरकारी अस्पतालों में कैंसर के मरीजों को उनके उपचार के लिए 42 दवाइयां मुफ्त प्रदान करेगी। इन दवाइयों को राज्य की अनिवार्य दवा सूची में शामिल किया गया है। इन दवाइयों में कैंसर उपचार के लिए प्रयुक्त ट्रासटूजूम्ब टीका भी शामिल है, जिसकी कीमत लगभग 40,000 रुपए होती है। ब्रेस्ट कैंसर के मरीज को इलाज के लिए वर्ष में ऐसे 18 टीकों की आवश्यकता होती है, और प्रदेश सरकार प्रत्येक मरीज पर लगभग 7 लाख रुपए व्यय करेगी।
ये दवाइयां सरकारी अस्पतालों में घर-द्वार के समीप उपलब्ध करवाई जाएंगी। मुख्यमंत्री ने कैंसर उपचार सुविधाओं को सुदृढ़ करने के लिए 300 करोड़ रुपए भी स्वीकृत किए हैं। इसके तहत 75 करोड़ रुपए सैंटर ऑफ एक्सीलेंस कैंसर केयर हमीरपुर की आधारभूत संरचना, 75 करोड़ रुपए चमियाणा शिमला में बोन मैरो ट्रांसप्लांट की सुविधा, और 150 करोड़ रुपए सैंटर ऑफ एक्सीलेंस हमीरपुर में विश्व स्तरीय कैंसर उपचार उपकरण उपलब्ध करवाने के लिए प्रदान किए जाएंगे।
प्रदेश सरकार कैंसर डे-केयर सैंटर चरणबद्ध तरीके से स्थापित कर रही है। प्रथम चरण में 13 अस्पतालों में कैंसर डे-केयर सैंटर स्थापित किए गए हैं। दूसरे चरण में 27 हाई लोड सिविल अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में ये सैंटर स्थापित होंगे, और तीसरे चरण में 28 संस्थानों में डे-केयर सैंटर स्थापित किए जाएंगे। कैंसर डे-केयर केंद्रों में पल्लिएटिव केयर यूनिट भी स्थापित किए जाएंगे। हमीरपुर में स्थापित किए जाने वाले कैंसर केयर सैंटर ऑफ एक्सीलेंस में विश्व स्तरीय तकनीक का उपयोग किया जाएगा। यहां न्यूक्लियर मेडिसिन का विशेष विभाग स्थापित किया जाएगा, जिसमें बड़ी क्षमता की न्यूक्लियर लैब और साइक्लोट्रोन भी उपलब्ध करवाया जाएगा।
अटल सुपर स्पेशिएलिटी संस्थान चमियाणा में बोन मैरो ट्रांसप्लांटेशन की सुविधा भी आरंभ की जाएगी। राज्य में जनसंख्या आधारित कैंसर रजिस्ट्री भी आरंभ की जाएगी, जिसके तहत कैंसर के मामलों व संख्या का अध्ययन किया जाएगा। लोगों में कैंसर के मामलों की स्क्रीनिंग के लिए एक जिला में पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री डा. धनी राम शांडिल ने बैठक में सुझाव दिए। बैठक में सचिव स्वास्थ्य एम. सुधा देवी, एनएचएम की मिशन निदेशक प्रियंका वर्मा, कैंसर विशेषज्ञ प्रो. जीके रथ, डा. दिनेश पंडाकर, डा. सीएम त्रिपाठी, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डा. राकेश शर्मा, निदेशक स्वास्थ्य डा. गोपाल बैरी, और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।