स्मार्ट सिटी धर्मशाला (Smart City Dharamshala) में इलेक्ट्रिक बसों के लिए वर्कशॉप का निर्माण किया जाएगा। यह वर्कशॉप, स्मार्ट सिटी के तहत बन रही एचआरटीसी वर्कशॉप में बनेगी। स्मार्ट वर्कशॉप का करीब 70 फीसदी कार्य पूरा हो चुका है। इस स्मार्ट वर्कशॉप में 15 इंस्पेक्शन पिट भी बनेंगे। हिमाचल प्रदेश के पहले इलेक्ट्रिक बस डिपो को बनाने की शुरुआत धर्मशाला से की जा सकती है। यहां पर इन दिनों परिवहन निगम द्वारा स्मार्ट सिटी मिशन से अत्याधुनिक वर्कशॉप बन रही है।
साथ ही नए बस टर्मिनल का काम भी शुरू हो गया है। ऐसे में सरकार पेट्रोल व डीजल वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहनों में बदलने के अपने दावों को आसानी से साकार कर सकती है। यही नहीं, जिला मुख्यालय धर्मशाला में बन रहे आधुनिक बस अड्डा का निर्माण कार्य भी जल्द शुरू होने वाला है। हाल ही में एचआरटीसी मुख्यालय शिमला में आयोजित बैठक में भी बस अड्डा निर्माण को लेकर चर्चा हुई है।
धर्मशाला डिपो के लिए शहर के एक छोर पर सुधेड़ से पहले बनाई जा रही वर्कशॉप पर स्मार्ट सिटी मिशन के तहत करीब 13 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं, जिसमें ग्राउंड फ्लोर में डीजल बसों की मेंटेनेंस की सुविधा का प्रबंध किया जा रहा है और पहले फ्लोर पर इलेक्ट्रिक बसों के लिए चार्जिंग स्टेशन की व्यवस्था होगी। धर्मशाला बस अड्डा के चलते अभी रिटेनिंग वॉल का काम चल रहा है। शिमला में आयोजित बैठक में कांट्रेक्टर को जल्द से जल्द ड्राइंग सबमिट करवाने को कहा गया है।
ड्राइंग को अप्रूवल मिलने के साथ ही बस अड्डा का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। आधुनिक बस अड्डा में निगम स्टाफ के साथ-साथ यात्रियों के लिए बेहतर सुविधाएं होंगी। बस काउंटर की संख्या अधिक होगी, दुकानें निर्मित होंगी तथा यात्रियों के लिए अच्छी सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
धर्मशाला में 13 करोड़ रुपए का निर्माण हो रहा है
एचआरटीसी धर्मशाला आरएम साहिल कपूर ने बताया कि धर्मशाला में 13 करोड़ रुपए की लागत से एचआरटीसी की वर्कशॉप का 70 फीसदी कार्य पूर्ण हो चुका है। बस अड्डा निर्माण हेतु हाल ही में शिमला में बैठक में दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। कांट्रेक्टर को ड्राइंग सबमिट करवाने को कहा गया है। ड्राइंग को अप्रूवल मिलते ही बस अड्डा का कार्य शुरू हो जाएगा।
इसके साथ ही, धर्मशाला में आने वाले पर्यटकों और स्थानीय निवासियों के लिए यह वर्कशॉप और बस अड्डा एक महत्वपूर्ण सुविधा होगी। यह परियोजना न केवल परिवहन सुविधाओं में सुधार करेगी बल्कि पर्यावरण को भी लाभ पहुंचाएगी, क्योंकि इलेक्ट्रिक बसें प्रदूषण को कम करेंगी और ऊर्जा की बचत भी करेंगी। स्मार्ट सिटी मिशन के तहत यह पहल धर्मशाला को एक आधुनिक और पर्यावरण-अनुकूल शहर बनाने में मदद करेगी।