मलाणा गांव, जो कुल्लू जिले में स्थित है, आपदा के बाद 28 दिनों से बिजली की कमी के कारण अंधेरे में डूबा हुआ था। इस कठिन परिस्थिति के बावजूद, बिजली बोर्ड और मजदूरों ने अद्वितीय साहस और मेहनत का परिचय दिया है। इन श्रमिकों ने दुर्गम और खतरनाक रास्तों पर काम करते हुए बिजली के खंभों को गांव तक पहुंचाने का काम किया है। कई स्थानों पर खंभे स्थापित किए जा चुके हैं, और बाकी खंभों को रस्सियों के सहारे ऊबड़-खाबड़ रास्तों से लाया जा रहा है। यह प्रयास गांव को फिर से रोशन करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
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