हिमाचल प्रदेश कैबिनेट ने ‘मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजना’ लागू करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इस योजना के तहत पात्र बच्चों को 18 वर्ष की आयु तक स्वास्थ्य, शिक्षा, और पोषण की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए प्रति माह 1000 रुपये का अनुदान दिया जाएगा। इसके अलावा, विधवाओं, निराश्रित, तलाकशुदा महिलाओं और दिव्यांग अभिभावकों को भी अपने बच्चों के पालन-पोषण और शिक्षा के लिए आर्थिक सहायता मिलेगी। इस योजना के अंतर्गत स्नातक, स्नातकोत्तर और व्यावसायिक पाठ्यक्रमों की फीस और छात्रावास के खर्चे के लिए भी वित्तीय सहायता दी जाएगी।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में शिमला में हुई कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं। इनमें पुलिस कर्मियों, जेल कर्मियों (जेल वॉर्डन से अराजपत्रित रैंक तक) और हिमाचल प्रदेश सचिवालय के सुरक्षा गार्डों को हिमाचल पथ परिवहन निगम की बसों में रियायती यात्रा मासिक शुल्क को 110 रुपये से बढ़ाकर 500 रुपये प्रतिमाह करने की स्वीकृति दी गई है।
इसके साथ ही, राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्टअप योजना-2023 के तहत ई-टैक्सियों की खरीद के लिए 10 प्रतिशत मार्जिन मनी जमा करने और बैंक द्वारा ऋण वितरण के तीन महीने के भीतर 50 प्रतिशत उपदान प्रदान करने को भी मंजूरी दी गई है। इस योजना के लिए यूको बैंक को नोडल बैंक नियुक्त किया गया है, जबकि राज्य सहकारी बैंक और कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक को भी इस योजना के तहत नामित किया गया है। लाभार्थियों को 7.9 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर पर ऋण दिया जाएगा, जिससे स्वरोजगार को बढ़ावा मिल सकेगा।