हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के गिरिपार क्षेत्र, आंजभोज के गांव भरली के वीर सपूत आशीष कुमार ने अपने वतन की सेवा करते हुए बलिदान दे दिया। उनकी मां संतरो देवी का सपना था कि वह अपने लाडले बेटे के सिर पर सेहरा बांधेंगी, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। आशीष कुमार की शहादत ने न केवल मां के सपने को तोड़ दिया, बल्कि जुड़वां भाइयों की जोड़ी भी बिछड़ गई। इस दुखद खबर ने परिवार को गहरे शोक में डाल दिया है, और गिरिपार के आंजभोज और पांवटा साहिब में शोक की लहर फैल गई है।
Related Posts
राहुल गांधी पहुंचे शिमला: प्रियंका और सोनिया के बाद
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हाल ही में शिमला का दौरा किया, जहां वे अपनी माँ सोनिया गांधी और बहन प्रियंका गांधी वाद्रा के बाद पहुंचे हैं। इस यात्रा का…
Himachal: नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान! मुस्लिम परिवारों ने सनातन धर्म से किया हिंदू का अंतिम संस्कार
मुस्लिम बहुल बन्ह गांव में पिछले पांच दशकों से रह रहे नेपाली मूल के हिंदू व्यक्ति अशोक बहादुर का अंतिम संस्कार मुस्लिम परिवारों ने हिंदू रीति-रिवाज से किया। अशोक, जो…
“आसमान से गिरी तबाही: आधी कीचड़ में फंसी थार में बाप-बेटा की दर्दनाक कहानी”
आसमान से बरसी तबाही ने सब कुछ उलट-पलट कर रख दिया। एक बाप और उसके बेटे की थार गाड़ी आधी कीचड़ में धंस गई। जानें, उस भीषण स्थिति में उनके…