भर्ती परीक्षा पेपर लीक स्कैंडल के बाद मौजूदा कांग्रेस सरकार ने हमीरपुर स्थित कर्मचारी चयन आयोग (Himachal Pradesh Staff Selection Commission) को भंग करके भर्तियों में पारदर्शिता लाने और एक मजबूत ढांचा तैयार करने के लिए राज्य चयन आयोग का गठन तो कर दिया, लेकिन स्टाफ की कमी के चलते अभी तक इसकी उचित कार्यप्रणाली नहीं हो पाई है। नतीजा यह है कि आज करीब तीन हजार पदों का रिजल्ट अटका हुआ है।
विदित रहे कि भंग किए गए कर्मचारी चयन आयोग में एसआईटी की जांच के शिकंजे से करीब आधा दर्जन पोस्ट कोड बाहर रहे हैं, जिनके यदि रिजल्ट निकलते हैं तो यह तीन हजार पद भरे जा सकते हैं। प्रदेश सरकार ने 30 सितंबर, 2023 को हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग (एचपीआरसीए) का गठन किया था। जानकारी के मुताबिक स्टाफ की कमी के चलते राज्य चयन आयोग की कार्यप्रणाली 11 महीनों में भी सही ढंग से नहीं हो पाई है। इसके परिणामस्वरूप करीब आधा दर्जन पोस्ट कोड का मामला कैबिनेट सब-कमेटी के पास अटका हुआ है। इन आधा दर्जन पोस्ट कोड के तहत तीन हजार के लगभग पदों का रिजल्ट घोषित किया जाना है।
मौजूदा समय में राज्य चयन आयोग के पास मात्र 16 मुलाजिमों का स्टाफ है। इनके अलावा आईएएस स्तर के अधिकारी को मुख्य प्रशासक, एचएएस अधिकारी को प्रशासनिक अधिकारी, एक लॉ आफिसर, फाइनांस के ज्वाइंट कमीशनर और एक आईटी के डिप्टी डायरेक्टर हैं, लेकिन इन पांचों अधिकारियों के पास अतिरिक्त चार्ज दिया हुआ है, यानी आयोग में इनमें से किसी की भी नियमित तैनाती नहीं है। कभी-कभार ही इनका यहां आना हो पाता है क्योंकि इनके पास दूसरे कार्यों का कार्यभार भी है।
पूर्व में कुछ ऐसा था कर्मचारी चयन आयोग का ढांचा: गौरतलब है कि भंग होने से पूर्व जब हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग कार्यप्रणाली में था, उस वक्त यहां 65 से 70 कर्मचारी सेवारत थे और इनके अलावा चेयरमैन, सचिव समेत आयोग के मेंबर होते थे। अब ऐसे में सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि राज्य चयन आयोग में जो मौजूदा ढांचा है, उसमें आयोग की कार्यप्रणाली कैसे और क्या होगी।
प्रदेश सरकार ने जल्द रिजल्ट घोषित करने की कही है बात: मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हाल ही में हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग को विभिन्न श्रेणियों के 21 पोस्ट कोड के परिणाम घोषित करने और सरकारी क्षेत्र में 30 हजार पद सृजित करने की बात कही है, जो कि स्वागत योग्य है। लेकिन सवाल यही है कि जिस राज्य चयन आयोग के माध्यम से युवाओं को नौकरियां दी जानी हैं, पहले उसकी उचित कार्यप्रणाली करनी होगी।
सरकार की यह घोषणा एक सकारात्मक कदम है, परन्तु इसके प्रभावी कार्यान्वयन के लिए आवश्यक संसाधनों और कर्मचारियों की आवश्यकता होगी। ऐसे में सरकार को इस दिशा में तेजी से कार्य करना होगा ताकि युवा प्रतिभाओं को जल्द से जल्द रोजगार मिल सके और राज्य में विकास की गति को बढ़ाया जा सके।