मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि सरकार के सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ नीतिगत बदलाव लाए जा रहे हैं। बेहतर प्रबंधन के फलस्वरूप इस वर्ष सरकार ने 2200 करोड़ रुपए का अतिरिक्त राजस्व अर्जित किया है। प्रदेश सरकार समाज के अंतिम व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री रविवार को हिमाचल प्रदेश विधानसभा परिसर शिमला में हिमाचल निर्माता और प्रथम मुख्यमंत्री डा. यशवंत सिंह परमार की 118वीं जयंती के अवसर पर आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि डा. परमार एक महान और दूरदर्शी व्यक्तित्व थे, जिन्होंने प्रदेश के विकास की मजबूत आधारशिला रखी। मुख्यमंत्री ने कहा कि डा. परमार का संपूर्ण जीवन हिमाचल प्रदेश के लिए समर्पित रहा है। वर्तमान में प्रदेश विकास की राह पर अग्रसर है, यह डा. परमार का सपना था। डा. परमार ने प्रदेश का इतिहास ही नहीं, बल्कि भूगोल भी बदला। उन्होंने प्रदेश की सीमाओं को और बड़ा किया। हिमाचल का अस्तित्व डा. परमार की अतुलनीय देन है।
शिक्षा, जल विद्युत, पर्यटन व खाद्य प्रसंस्करण आदि क्षेत्रों में अनेक नवोन्मेषी पहल की जा रही हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने डा. अंशुक अत्री और डा. राजेंद्र अत्री द्वारा लिखित पुस्तक “परमार: हिमाचल के शिल्पकार” और डा. अंशुक अत्री द्वारा अंग्रेजी भाषा में लिखित पुस्तक “दि क्राफ्टिंग ऑफ हिमाचल प्रदेश” का विमोचन किया। उन्होंने डा. परमार की जीवनी पर आधारित प्रदर्शनी का अवलोकन किया और उनके छायाचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। इससे पहले मुख्यमंत्री ने रिज मैदान स्थित डा. यशवंत सिंह परमार की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। उन्होंने डा. परमार की जीवनी पर आधारित छायाचित्र प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।
डा. परमार की दूरदर्शी सोच को साकार कर रही सरकार
विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने डा. परमार को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश के स्वरूप में डा. परमार का बहुत बड़ा योगदान है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के गठन के समय राज्य की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी, लेकिन डा. यशवंत सिंह परमार ने उन चुनौतियों का मजबूती से सामना किया और प्रदेश को बड़ी-बड़ी बाधाओं से बाहर निकाला। उन्होंने कहा कि वर्ष 1971 में प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा प्राप्त करने में डा. परमार की अहम भूमिका रही है। उनके द्वारा प्रदेश हित में किए गए कार्यों को सदैव याद रखा जाएगा।
डा. परमार की दूरदर्शी सोच और नीतियों के कारण ही आज हिमाचल प्रदेश अनेक क्षेत्रों में प्रगति कर रहा है। सरकार ने उनकी योजनाओं और सपनों को साकार करने के लिए कई नए कदम उठाए हैं, जिसमें विशेषकर ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य सेवा, और आधारभूत संरचना का सुधार शामिल है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने यह भी कहा कि सरकार डा. परमार के दिखाए मार्ग पर चलते हुए प्रदेश को एक आदर्श राज्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।