“मधुमेह नियंत्रण में सहायक: जिमीकंद और कचालू, चावल का सेवन कम जीआई के साथ”

"मधुमेह नियंत्रण में सहायक: जिमीकंद और कचालू, चावल का सेवन कम जीआई के साथ"

जीआई (ग्लाइसेमिक इंडेक्स) वह मापदंड है, जिससे यह पता चलता है कि कोई खाद्य पदार्थ खाने के बाद रक्त में शर्करा (ब्लड शुगर) का स्तर कितनी तेजी से बढ़ता है। मधुमेह के मरीजों के लिए ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करना महत्वपूर्ण होता है जिनका जीआई कम हो, ताकि ब्लड शुगर को नियंत्रित रखा जा सके।

जिमीकंद और कचालू का महत्व

  • जिमीकंद (Elephant foot yam) और कचालू (Taro root) दोनों ही खाद्य पदार्थों में कम जीआई होता है, जिसका मतलब है कि ये ब्लड शुगर को तेजी से नहीं बढ़ाते। इनमें फाइबर, विटामिन और मिनरल्स भी होते हैं, जो मधुमेह के नियंत्रण में मदद कर सकते हैं।
  • फाइबर: फाइबर से भरपूर खाद्य पदार्थों का पाचन धीमा होता है, जिससे ब्लड शुगर की मात्रा धीरे-धीरे बढ़ती है।
  • पोषक तत्व: ये खाद्य पदार्थ पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं, जो शरीर को आवश्यक विटामिन और मिनरल्स प्रदान करते हैं।

चावल और जीआई

  • सफेद चावल का जीआई अधिक होता है, जो तेजी से ब्लड शुगर बढ़ा सकता है, लेकिन यदि चावल को ठंडा कर खाया जाए या इसके साथ फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन किया जाए, तो इसका जीआई कम हो सकता है।
  • ब्राउन राइस की तुलना में सफेद चावल का जीआई अधिक होता है। इसलिए, यदि मधुमेह से ग्रसित व्यक्ति चावल का सेवन करना चाहें तो ब्राउन राइस या मिक्स्ड ग्रेन्स का विकल्प बेहतर हो सकता है।

इस प्रकार, जिमीकंद, कचालू और कुछ अनुकूल तरीके से चावल खाने से मधुमेह के मरीज अपने ब्लड शुगर को नियंत्रित कर सकते हैं।

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