अस्पताल में मरीजों के लिए एक महत्वपूर्ण सुविधा का निर्माण किया जाएगा। अस्पताल के भवन में चार करोड़ रुपए की लागत से एक नया रैंप तैयार किया जाएगा, जिससे अस्पताल में आने वाले मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी।
इस रैंप के निर्माण से अस्पताल की पहुँच और सुविधा में सुधार होगा, विशेषकर उन मरीजों के लिए जो व्हीलचेयर पर निर्भर हैं या जिन्हें शारीरिक रूप से सहायता की आवश्यकता है। रैंप का निर्माण काम शुरू हो चुका है और इसे जल्द ही पूरा किया जाएगा, जिससे अस्पताल में मरीजों और उनके परिजनों को बेहतर अनुभव प्राप्त होगा।
इस पहल से अस्पताल प्रशासन ने मरीजों की सुविधाओं में सुधार करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया है। नए रैंप के माध्यम से अस्पताल में आना-जाना और चिकित्सा सुविधाओं का उपयोग करना अब पहले से कहीं अधिक आसान और सुलभ होगा।
डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद आयुर्विज्ञान चिकित्सा महाविद्यालय, टांडा में नवनिर्मित जीएस बाली मदर एंड चाइल्ड अस्पताल के भवन में अब चार करोड़ 11 लाख रुपए की लागत से एक नया रैंप बनाया जाएगा। टांडा मेडिकल कॉलेज ने लगभग चार साल पहले इस अस्पताल की नींव रखी थी और पिछले साल इसका भवन तैयार हो गया था। हालांकि, रैंप की कमी के कारण भवन पूरी तरह से सुलभ नहीं था, जिसे लेकर ‘दिव्य हिमाचल’ ने गंभीरता से मुद्दा उठाया था।
पिछले प्रधानाचार्य ने आधुनिक लिफ्टों का हवाला देते हुए रैंप की आवश्यकता से इंकार किया था, लेकिन अब सरकार ने चार करोड़ 11 लाख रुपए की लागत से नए रैंप का प्रस्ताव मंजूर कर लिया है। नए रैंप के निर्माण से अस्पताल के गायनी विभाग में बिस्तरों की कमी की समस्या हल हो जाएगी। वर्तमान में गर्भवती महिलाओं को सीमित बिस्तरों के कारण परेशानी का सामना करना पड़ता है, और कई बार एक बिस्तर को दो-दो महिलाओं को शेयर करना पड़ता है। रैंप के बनने से बिस्तरों की संख्या 50 से बढ़कर 200 हो जाएगी, जिससे मरीजों को बेहतर सुविधा मिलेगी।