हिमाचल प्रदेश के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में रैगिंग के मामलों को लेकर सरकारी और प्रशासनिक जागरूकता के बावजूद, यह समस्या जस की तस बनी हुई है। हाल ही में, बाहरा यूनिवर्सिटी, कंडाघाट में एक गंभीर रैगिंग की घटना सामने आई है। सीनियर छात्रों ने जूनियर छात्र रजत कुमार को रात साढ़े 11 बजे से सुबह तीन बजे तक बुरी तरह पीटा। घटना का वीडियो वायरल होने के बाद यह मामला उजागर हुआ, जिसमें सीनियर छात्रों द्वारा शराब पिलाने और शारीरिक उत्पीड़न की तस्वीरें सामने आईं।
रजत कुमार, जो बिलासपुर जिले के पपलाह गांव का निवासी है, ने बताया कि एक पुरानी रंजिश के कारण उसे निशाना बनाया गया। उसने पुलिस को घटना की पूरी जानकारी दी और एंटी रैगिंग कमेटी को भी सूचित किया। मारपीट के दौरान उसे गंभीर चोटें आई हैं और वह अभी भी मानसिक और शारीरिक रूप से ठीक नहीं हो पाया है।
रजत के पिता देवानंद और मामा राकेश कुमार ने कंडाघाट पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवाई और कड़ी कार्रवाई की मांग की। उनके अनुसार, इस घटना ने उनके परिवार को गहरा दुख पहुँचाया है और किसी और के साथ ऐसा न हो, इसके लिए कड़ी कार्रवाई जरूरी है।
विवि प्रशासन और पुलिस ने मामले में कार्रवाई शुरू कर दी है, और पांच सीनियर छात्रों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने विश्वविद्यालय से भी जानकारी मांगी है, और यदि कोई लापरवाही सामने आती है, तो उस पर भी कार्रवाई की जाएगी।
बुद्धिजीवियों का कहना है कि रैगिंग एक गंभीर समस्या है और यह कई मेधावी छात्रों की जिंदगी को बर्बाद कर देती है। उनका मानना है कि संबंधित वार्डन और विश्वविद्यालय प्रबंधन पर भी कार्रवाई होनी चाहिए ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।