अटारी-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग-03 के हमीरपुर-अवाहदेवी-मंडी तकके कार्य की धीमी से कार्य पर प्रदेश सरकार ने कड़ा संज्ञान लिया है। सरकार ने काम में देरी की वजह पूछने के साथ-साथ हमीरपुर जिला से ताल्लुक रखने वाले मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सडक़ परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय के अधिकारियों को कड़े निर्देश भी जारी किए हैं। मुख्यमंत्री के कड़े निर्देशों के बाद सडक़ परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय के अधिकारी हरकत में आए और काम का जायजा लेने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग पर पहुंचे। जानकारी के मुताबिक राष्ट्रीय राजमार्ग के परियोजना निदेशक रोमी धनखड़, परियोजना प्रबंधक जितेंद्र पांडे, सहायक अभियंता तन्मय महाजन और अन्य अधिकारियों की एक उच्च स्तरीय टीम ने हमीरपुर-अवाहदेवी-मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने जहां निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की जांच की वहीं मार्ग के निर्माण में लगी कंपनी को निर्धारित समय अवधि के भीतर इस नेशनल हाइवे का कार्य पूरा करने के निर्देश भी दिए।
विदित रहे कि यह मार्ग न केवल प्रदेश के मुख्यमंत्री के गृहजिले से होकर गुजरता ह,ै बल्कि हिमाचल के दो बार के मुख्यमंत्री प्रो. धूमल और पूर्व केंद्रीय मंत्री व हमीरपुर से पांच बार के सांसद अनुराग ठाकुर के गृहक्षेत्र से होकर जाता है। फिर भी हैरत की बात है कि मार्ग का काम बहुत ही धीमी गति से चला हुआ है। गौरतलब है कि जून, 2022 में इस काम के टेंडर अवार्ड हुए थे और एक दिन बाद 23 जून को कंपनी ने टौणीदेवी में दुकानों को तोडऩे का काम शुरू कर दिया था, जबकि उस वक्त स्थानीय दुकानदार कंपनी से अपील कर रहे थे कि 24 जून को शुरू होने वाले स्थानीय मेले के बाद काम शुरू किया जाए, लेकिन तब कंपनी ने एक न सुनी। तीन महीने बाद सितंबर, 2022 में काम शुरू हुआ और सबसे पहले पक्की सडक़ को तोड़ा गया। तब लगा कि काम जल्द मुकम्मल कर लिया जाएगा, लेकिन हमीरपुर के अणु चौक से मंडी जिला के पारछू तक होने वाला लगभग 40 किलोमीटर काम भी आज तक पूरा नहीं हो पाया है। जब से इस एनएच का काम लगा है, तब से किसी न किसी बात को लेकर ग्रामीणों और निर्माणाधीन कंपनी में विवाद चलता ही रहता है।
109 किलोमीटर का काम शेष
अमृतसर के अटारी से लेह तक बनने वाले इस राष्ट्रीय राजमार्ग का काम अटारी से हमीरपुर तक मुकम्मल हो चुका है। यही नहीं, मंडी से आगे लेह तक भी यह काम पूरा हो चुका है। आगे का काम बीआरओ के पास है, लेकिन हमीरपुर से मंडी तक करीब 109 किलोमीटर का काम पिछले कई वर्षों से लटका हुआ है। काम में देरी से सरकार नाराज है।
कंपनी ने सबलेट किया काम
एनएच-03 के इस कार्य के लिए 223 करोड़ का टेंडर अवार्ड हुआ है। चौंकाने वाली बात यह है कि जिस कंपनी को यह टेंडर अवार्ड हुआ था, उसने स्वयं कार्य करने की बजाय इसे आगे एक अन्य चर्चित कंपनी को सबलेट कर दिया था। अब करोड़ों का यह काम सबलेटिंग पर है, तो देरी होना और गुणवत्ता पर सवाल उठना लाजिमी है।