Himachal News: 80 फीसदी सरकारी गाड़ियां उधार तेल पर निर्भर, करोड़ों की देनदारी से बढ़ा हिमफेड का घाटा

Himachal News: 80 फीसदी सरकारी गाड़ियां उधार तेल पर निर्भर, करोड़ों की देनदारी से बढ़ा हिमफेड का घाटा

प्रदेश की डगमगाती अर्थव्यवस्था के बीच हिमाचल में खुफिया तंत्र और पुलिस मुख्यालय उधार के डीजल और पेट्रोल पर निर्भर हैं, ताकि कानून व्यवस्था को बनाए रखा जा सके। केवल पुलिस ही नहीं, बल्कि कई अन्य विभागों की सरकारी गाड़ियां भी उधार के तेल से चल रही हैं, जिससे आर्थिक दबाव और बढ़ता जा रहा है।

हिमाचल प्रदेश में आर्थिक चुनौतियों के बीच सरकारी विभागों की अधिकांश गाड़ियां उधार के डीजल और पेट्रोल पर चल रही हैं। हिमफेड ने 15 दिन की उधारी की सीमा तय की है, लेकिन बजट की कमी के कारण विभागों को उधार चुकाने में देरी हो रही है, जिससे हिमफेड को घाटा बढ़ रहा है। पुलिस विभाग सहित कई अन्य सरकारी विभाग इस संकट का सामना कर रहे हैं, लेकिन अफसरों की गाड़ियों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। कई वरिष्ठ अधिकारियों ने एक से अधिक गाड़ियों पर अनधिकृत कब्जा किया हुआ है, और उनके परिवार भी इन गाड़ियों का इस्तेमाल कर रहे हैं।

हिमाचल प्रदेश में हिमफेड (हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी विपणन एवं उपभोक्ता संघ लिमिटेड) ने सरकारी विभागों को 15 दिन की उधारी पर पेट्रोल और डीजल देने की सीमा तय की है, लेकिन बजट की कमी के कारण अधिकांश विभाग समय पर भुगतान नहीं कर पा रहे हैं। इससे हिमफेड को भारी घाटा हो रहा है। हिमफेड खुद नकद भुगतान करके तेल खरीद रहा है, जबकि विभागों को उधार पर आपूर्ति करनी पड़ रही है।

छोटा शिमला पेट्रोल पंप से रोजाना 4,000-5,000 लीटर तेल बिकता है, जिसमें से 70-80% तेल सरकारी विभाग उधार में ले रहे हैं।

विभागों पर करोड़ों की देनदारी है, जिनमें प्रमुख उधारदार हैं:

  • जिला शिमला चुनाव कार्यालय: ₹50 लाख
  • सामान्य प्रशासन विभाग: ₹18 लाख
  • सीआईडी: ₹10.76 लाख
  • एचपीयू: ₹5.22 लाख
  • प्रदेश पुलिस मुख्यालय: ₹3.08 लाख

इस स्थिति से उबरने के लिए हिमफेड अब प्रदेश सरकार की मदद की उम्मीद कर रहा है, क्योंकि कई विभाग 15 दिन की उधारी सीमा का पालन नहीं कर रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *