हिमाचल: कृषि विश्वविद्यालय की भूमि का अपर्याप्त उपयोग, संकट में विस्तार योजनाएं

हिमाचल: कृषि विश्वविद्यालय की भूमि का अपर्याप्त उपयोग, संकट में विस्तार योजनाएं

हिमाचल प्रदेश सरकार ने कांगड़ा जिले को “टूरिज्म कैपिटल” घोषित किया है और इसके तहत अनेक योजनाएं शुरू की हैं। राज्य सरकार ने पालमपुर के पास एक टूरिस्ट विलेज स्थापित करने का निर्णय लिया है, जिसके लिए चौधरी सरवण कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय की 2899 कनाल भूमि को पर्यटन विभाग को हस्तांतरित किया गया था।

हालांकि, इस हस्तांतरण पर अदालत ने फिलहाल रोक लगा दी है, लेकिन सरकार का मानना है कि यह भूमि विश्वविद्यालय द्वारा लंबे समय से खाली पड़ी थी और इसका सही उपयोग नहीं हो रहा था। विश्वविद्यालय की कुल 7499 कनाल भूमि में से हस्तांतरित भूमि के बाद भी पर्याप्त भूमि विश्वविद्यालय के पास बची है, जो उसके वर्तमान और भविष्य की आवश्यकताओं के लिए पर्याप्त है।

इसके बदले में, राज्य सरकार विश्वविद्यालय को 20-25 हेक्टेयर सरकारी भूमि प्राकृतिक खेती केंद्र खोलने के लिए देगी और साथ ही 10 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता भी प्रदान करेगी। इसके अतिरिक्त, सब्जी और बीज उत्पादन के लिए छह करोड़ रुपये की अतिरिक्त सहायता भी दी जाएगी। इस पहल से राज्य सरकार का उद्देश्य कृषि और पर्यटन दोनों क्षेत्रों को बढ़ावा देना है।

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