“आर्थिक संकट से जूझ रही हिमाचल सरकार को मिली राहत की सौगात”

आर्थिक तंगी से जूझ रही हिमाचल सरकार के लिए सौगात भरी खबर

आर्थिक तंगी से जूझ रही हिमाचल प्रदेश सरकार के लिए हाल ही में राहत भरी खबर आई है। केंद्रीय सरकार ने राज्य को वित्तीय सहायता प्रदान करने की घोषणा की है, जिससे हिमाचल प्रदेश के विकास कार्यों में तेजी आएगी और आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। इस सहायता के तहत विभिन्न परियोजनाओं के लिए जरूरी निधियों की मंजूरी दी गई है, जिनसे इंफ्रास्ट्रक्चर, शिक्षा, और स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सुधार होगा। इस वित्तीय सहायता से राज्य सरकार को अपने बजट घाटे को कम करने और सामाजिक कल्याण योजनाओं को बेहतर ढंग से लागू करने में मदद मिलेगी। यह कदम हिमाचल प्रदेश की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने और विकास को प्रोत्साहित करने में सहायक साबित हो सकता है।

आर्थिक तंगी से जूझ रही हिमाचल प्रदेश सरकार के लिए हाल ही में एक बड़ी राहत भरी खबर आई है। प्रदेश के पावर निगम द्वारा संचालित 100 मेगावाट का सैंज हाइड्रो प्रोजेक्ट ने देश की प्रमुख नवरत्न पावर कंपनियों को पछाड़ते हुए महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। सैंज हाइड्रो प्रोजेक्ट ने पिन पार्वती नदी से 2810 मिलियन यूनिट बिजली उत्पादन करके 975 करोड़ रुपए की कमाई की है, जिससे राज्य सरकार के खजाने में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

यह परियोजना, जो सात वर्षों में अपनी उत्कृष्टता के लिए जानी जाती है, ने 2017 में बिजली उत्पादन शुरू किया और प्रति वर्ष 307 मिलियन यूनिट बिजली उत्पन्न करती है। इसके जरिए सरकार को सालाना 154 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त होता है। सैंज हाइड्रो प्रोजेक्ट की सफलता राज्य की आर्थिकी को संजीवनी प्रदान कर रही है और भविष्य के लिए शुभ संकेत साबित हो रही है।

सैंज हाइड्रो प्रोजेक्ट के उपमहाप्रबंधक, विद्युत इंद्र शर्मा ने बताया कि हर मौसम में कैचमेंट एरिया में बारिश से नदी का पानी लगातार उपलब्ध रहता है, जिससे टरबाइनों ने निरंतर उच्च गति बनाए रखी और नदी की निर्मल लहरें प्रति वर्ष अनुकूल बहती रही। इस परियोजना ने अब तक 975 करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया है।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सैंज प्रोजेक्ट के अधिकारियों, कर्मियों और मजदूरों की मेहनत और प्रयासों की सराहना की है और उन्हें इस सफलतापूर्वक प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए बधाई दी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *