पड़ोसी राज्यों की तुलना में हिमाचल के उद्योगों को सस्ती बिजली

हिमाचल प्रदेश सरकार ने पड़ोसी राज्यों की तुलना में उद्योगों को सस्ती दरों पर बिजली प्रदान करने की पहल की है। यह निर्णय उद्योगों को प्रतिस्पर्धात्मक लाभ देने और राज्य के औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए लिया गया है। सरकार के इस कदम से स्थानीय उद्योगों को सस्ती ऊर्जा मिलेगी, जिससे उत्पादन लागत कम होगी और आर्थिक विकास में तेजी आएगी। विशेष रूप से छोटे और मध्यम उद्योगों के लिए यह एक महत्वपूर्ण समर्थन साबित होगा, जिससे वे अपने उत्पादों की कीमतों को नियंत्रित कर सकेंगे। इस पहल से न केवल हिमाचल के उद्योगों की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी, बल्कि इससे राज्य में निवेश आकर्षित करने में भी मदद मिलेगी। उद्योग मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि सस्ती बिजली की उपलब्धता से उद्योगों का विकास होगा, जिससे रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।

हिमाचल प्रदेश सरकार ने पड़ोसी राज्यों की तुलना में उद्योगों को सस्ती दरों पर बिजली प्रदान करने की पहल की है। यह निर्णय उद्योगों को प्रतिस्पर्धात्मक लाभ देने और राज्य के औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए लिया गया है।

शिमला: मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिए उद्योग मित्र नीतियों को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि उद्योगों को दी जाने वाली विद्युत सब्सिडी का युक्तिकरण किया गया है, जिससे पड़ोसी राज्यों की तुलना में हिमाचल के उद्योगों को सस्ती बिजली मिलेगी।

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि 33 केवी से 220 केवी तक की वोल्टेज आपूर्ति वाले बड़े उद्योगों को पंजाब, हरियाणा और उत्तराखंड की तुलना में एक रुपए प्रति यूनिट से अधिक सस्ती बिजली दी जाएगी। वर्तमान में राज्य में केवल 159 ऐसे उद्योग हैं।

इसके अलावा, 11 केवी और 22 केवी वोल्टेज आपूर्ति वाले 2,011 उद्योगों को भी सस्ती दरों पर बिजली उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए सरकार ने विद्युत शुल्क को 16.5 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत करने का निर्णय लिया है।

सीएम सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश विशेष रूप से 31,298 छोटे और मध्यम उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है, और इन उद्योगों के लिए सब्सिडी एवं ऊर्जा शुल्क में कोई परिवर्तन नहीं किया जाएगा।

उन्होंने आश्वासन दिया कि विद्युत सब्सिडी का युक्तिकरण प्रदेश के उद्योगों को नुकसान नहीं पहुंचाएगा, बल्कि औद्योगिक विकास को बढ़ावा देगा। इन उद्योगों के माध्यम से प्रदेश के हजारों युवाओं को रोजगार मिलने की संभावनाएं हैं, और सरकार इसके निरंतर विकास के लिए कार्य कर रही है।

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