मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंगलवार को शिक्षा विभाग की बैठक की अध्यक्षता करते हुए बताया कि मर्ज स्कूलों के मिड-डे मील कर्मियों की सेवाएं समाप्त नहीं होंगी। उन्हें समीपवर्ती स्कूलों में समायोजित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों के विलय का उद्देश्य शिक्षण संस्थानों में गुणात्मक शिक्षा प्रदान करना है। सीएम ने यह भी बताया कि विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा और प्रशिक्षण देने के लिए राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) और जिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डाइट) का पुनर्गठन किया जाएगा। यह कदम शिक्षा प्रणाली को सुदृढ़ करने की दिशा में महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि पूर्व जयराम सरकार की गलत नीतियों के कारण प्रदेश गुणात्मक शिक्षा के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर 21वें स्थान पर फिसल गया है। वर्तमान प्रदेश सरकार सरकारी शिक्षण संस्थानों में गुणात्मक शिक्षा को प्राथमिकता देते हुए कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार ने शिक्षकों के ज्ञानवर्धन और विश्वस्तरीय शिक्षण पद्धतियों से अवगत कराने के लिए विदेशों में शिक्षण भ्रमण का आयोजन किया है, ताकि विद्यार्थी लाभान्वित हो सकें। यह कदम शिक्षा प्रणाली को सुधारने और छात्रों को बेहतर अवसर प्रदान करने की दिशा में महत्वपूर्ण है।
सरकार शिक्षा, खेल और अन्य क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले मेधावी विद्यार्थियों के लिए भी ऐसे भ्रमण कार्यक्रम आयोजित करेगी, ताकि उनकी प्रतिभा निखर सके। 6 से 14 वर्ष आयु वर्ग के विद्यार्थी विभिन्न अंडर 14 टूर्नामेंट में भाग ले सकेंगे, और 6 से 11 आयु वर्ग के विद्यार्थियों के लिए अलग खेल प्रतियोगिताएं भी होंगी।
राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में खिलाड़ियों की डाइट मनी 240 रुपये से बढ़ाकर 400 रुपये की गई है, जबकि जिला स्तरीय प्रतियोगिता में 300 और खंड स्तरीय में 240 रुपये प्रदान किए जाएंगे। बाहर जाकर खेलने वाले खिलाड़ियों के लिए डाइट मनी 500 रुपये निर्धारित की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार खेल गतिविधियों को बढ़ावा देकर विद्यार्थियों को नशे की प्रवृत्ति से दूर रखने का प्रयास कर रही है। इसके तहत सभी स्कूलों को शारीरिक व्यायाम के लिए हर दिन कम से कम 15 मिनट समर्पित करने के निर्देश दिए गए हैं। यह कदम विद्यार्थियों के समग्र विकास के लिए महत्वपूर्ण है।