हिमाचल प्रदेश में हाइड्रो पावर की 24,000 मेगावाट की मौजूदा क्षमता के बाद, राज्य की नदियों से 22,000 मेगावाट और बिजली उत्पन्न करने का आकलन किया गया है। यह उत्पादन जल्दी संभव होगा, क्योंकि मौजूदा बिजली परियोजनाओं को विस्तार देकर पंप ऑपरेटेड प्रोजेक्ट्स लगाए जाएंगे।
पंप ऑपरेटेड परियोजनाओं का महत्व
राज्य में पंप ऑपरेटेड परियोजनाओं के माध्यम से 22,074 मेगावाट बिजली उत्पादन की संभावना है। इन परियोजनाओं का प्रारंभिक सर्वेक्षण किया गया है, और आवश्यक स्थलों को चिन्हित किया गया है। इसके अलावा, कई निजी प्रोजेक्ट्स भी हैं जहां पंप ऑपरेटेड परियोजनाएं स्थापित की जा सकती हैं।
केंद्रीय उपक्रमों की भागीदारी
राज्य सरकार को केंद्रीय उपक्रमों ने 23 परियोजनाओं के लिए प्रस्ताव दिए हैं, जिनमें दो सरकारी प्रोजेक्ट भी शामिल हैं। सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड ने चार पंप स्टोरेज परियोजनाओं के लिए 2,570 मेगावाट की क्षमता के प्रस्ताव भेजे हैं।
पुरानी परियोजनाओं का पुनरावलोकन
भाखड़ा बांध प्रबंधन बोर्ड ने 13,103 मेगावाट की क्षमता वाली आठ परियोजनाओं को चिन्हित किया है, जबकि एनटीपीसी ने 2,400 मेगावाट की दो परियोजनाओं का प्रस्ताव दिया है। इसके अलावा, निजी क्षेत्र में 2,074 मेगावाट की क्षमता की सात परियोजनाओं को भी चिन्हित किया गया है।
भविष्य की संभावनाएं
हिमाचल प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड ने भी 1,900 मेगावाट की क्षमता वाली दो परियोजनाओं की पहचान की है, जिसमें श्रीरेणुकाजी प्रोजेक्ट और थाना प्लौन में पंप ऑपरेटेड प्रोजेक्ट शामिल हैं। कुल मिलाकर, यह उत्पादन मौजूदा नदियों का उपयोग करके किया जाएगा, जिससे अतिरिक्त ऊर्जा उत्पन्न की जा सकेगी।
निष्कर्ष
इस योजना से न केवल राज्य की बिजली उत्पादन क्षमता बढ़ेगी, बल्कि यह क्षेत्र की आर्थिक स्थिति को भी मजबूत करेगी। हिमाचल प्रदेश की स्वर्ण जयंती पावर पॉलिसी के तहत पंप ऑपरेटेड प्रोजेक्ट्स को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे ऊर्जा के क्षेत्र में राज्य को नई दिशा मिलेगी।