सदन में दिए गए मंत्रियों के जवाबों की समीक्षा का प्रस्ताव आवश्यक है। यह प्रक्रिया न केवल पारदर्शिता को बढ़ावा देती है, बल्कि यह सुनिश्चित करती है कि जनहित से जुड़े मुद्दों का समुचित समाधान हो रहा है। समीक्षा से सदन में मंत्रियों की जिम्मेदारी भी बढ़ेगी और सरकार की कार्यप्रणाली में सुधार होगा।
समीक्षा के माध्यम से यह जानने का अवसर मिलेगा कि किन मुद्दों पर मंत्री उचित कदम उठा रहे हैं और किन विषयों पर और ध्यान देने की आवश्यकता है। इससे विधायकों को भी अपने निर्वाचन क्षेत्रों में अधिक प्रभावी ढंग से कार्य करने में मदद मिलेगी।
इस प्रक्रिया से न केवल सरकारी कार्यों की जिम्मेदारी बढ़ेगी, बल्कि नागरिकों के प्रति भी जवाबदेही सुनिश्चित होगी। अंततः, यह लोकतंत्र की मजबूती के लिए एक सकारात्मक कदम होगा
सतत और समावेशी विकास में विधायिका की भूमिका महत्वपूर्ण है। इसके लिए हमें अपनी प्रतिबद्धता को बनाए रखना होगा और नीतियों के निर्धारण में निष्पक्षता से काम लेना होगा। समय-समय पर नीतियों की समीक्षा करना और राष्ट्रहित में आवश्यक बदलाव करना भी आवश्यक है। इस प्रकार, विकास की प्रक्रिया को सभी के लिए न्यायसंगत और समावेशी बनाना जरूरी है।