वाक्य यह संदेश देता है कि यदि अपने धर्म और सनातन संस्कृति की रक्षा के लिए आवाज उठाना गलत माना जाता है, तो ऐसे में इसे बार-बार किया जाएगा। यह एक दृढ़ निश्चय को दर्शाता है कि लोग अपने आस्था और संस्कृति के लिए संघर्ष करने के लिए तत्पर हैं, चाहे इसके लिए उन्हें आलोचना का सामना क्यों न करना पड़े। यह विचार लोगों को प्रेरित करता है कि वे अपने विश्वासों के प्रति सच्चे रहें और आवश्यक होने पर अपनी आवाज उठाएं।
संजौली मस्जिद विवाद को लेकर 19 सितंबर को नेरवा में हिंदू संगठनों के प्रदर्शन के बाद राजपूत करणी सेना भड़की हुई है। प्रदर्शन के दौरान प्रदेश अध्यक्ष मुकेश खुरांटा, हिंदू जागरण मंच के पूर्व महामंत्री कमल गौतम, युवा हिंदू नेता रोहित श्टाईक, सोम दत्त, रमन, और प्रदीप सहित अन्य पर एक समुदाय विशेष के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने का मामला दर्ज किया गया है।
मुकेश खुरांटा ने कहा कि करणी सेना के आह्वान पर आयोजित यह शांतिपूर्ण प्रदर्शन अवैध मस्जिदों के विरोध में किया गया था। उन्होंने कहा कि अपने धर्म और सनातन की रक्षा के लिए आवाज उठाना यदि गुनाह है, तो वे यह गुनाह बार-बार करेंगे। भविष्य में भी वे प्रदेश स्तर पर हिंदू धर्म की लड़ाई जारी रखेंगे।
सेना के अन्य पदाधिकारियों, जैसे लोकिंद्र चौहान, सुरेंदर बेस्टा, और उषा चौहान ने भी एफआईआर दर्ज किए जाने पर नाराजगी जताई, यह कहते हुए कि सरकार की इस तरह की कार्रवाई उन्हें डराने वाली नहीं है। वे अपने संघर्ष को दोगुने जोश के साथ आगे बढ़ाएंगे।