शिमला में किसानों को मटर की बिक्री से अच्छे मुनाफे की उम्मीद है, क्योंकि ढली मंडी में मटर की कीमत 200 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है। इस वृद्धि के पीछे बढ़ी मांग और सीमित आपूर्ति का प्रभाव है, जिससे किसानों को अपने उत्पादों की अच्छी कीमत मिल रही है।
किसान इस समय मटर की अच्छी फसल का आनंद ले रहे हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि बाजार में यह रुझान बना रहेगा, जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी। इस स्थिति ने स्थानीय कृषि समुदाय के बीच खुशी का माहौल बना दिया है।
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला की ढली मंडी में मटर का नया सीजन शुरू होते ही किसानों को रिकॉर्ड दाम मिले हैं। सोमवार को करसोग और कोटखाई से 50 से 60 बोरी मटर की खेप मंडी पहुंची, जिसमें किसानों को 50 से 140 रुपये प्रति किलो तक दाम प्राप्त हुए।
इस वर्ष की शुरुआत में किसानों को पिछले वर्ष की तुलना में 30 से 40 रुपये अधिक दाम मिल रहे हैं। मंडी में पहुंचे किसान रोहन ठाकुर ने बताया कि इस बार बरसात की वजह से मटर की फसल कुछ खराब हो गई थी, लेकिन शुरुआती कीमतों ने उन्हें राहत दी है।
इस बढ़ती कीमतों से किसानों में खुशी का माहौल है, और उम्मीद है कि सीजन के दौरान दाम में और वृद्धि होगी।
ढली सब्जी मंडी आढ़ती एसोसिएशन के सचिव बिट्टू वर्मा ने बताया कि हिमाचली मटर की बाहरी राज्यों में मांग अधिक है। फिलहाल, नई फसल केवल दो स्थानों से आई है, लेकिन अगले 10 से 12 दिनों में चियोग, कुमारसेन, रोहडू, और चिड़गांव से भी नई फसल आने लगेगी।
सोमवार को मंडी में अन्य सब्जियों के दाम भी निम्नलिखित रहे:
- बीन: 20 से 50 रुपये प्रति किलो
- शिमला मिर्च: 30 से 70 रुपये प्रति kilo
- बंद गोभी: 5 से 25 रुपये प्रति किलो
- आलू: 10 से 40 रुपये प्रति किलो
इस सीजन में मटर के लिए पहली बार 200 रुपये प्रति किलो तक दाम मिले हैं, जबकि पिछले वर्ष पूरे सीजन में मटर का अधिकतम दाम 170 रुपये प्रति किलो रहा था। इस वर्ष मटर की गुणवत्ता भी बेहतर है, लेकिन बरसात के कारण फसल कम हुई है, जिससे कई इलाकों में उत्पादन प्रभावित हुआ है। किसानों को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में दाम और भी बढ़ेंगे।