हिमाचल न्यूज़: सोनम वांगचुक का पहाड़ों की अंधाधुंध कटाई पर बयान

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सोनम वांगचुक ने हिमाचल प्रदेश में हो रही पहाड़ों की अंधाधुंध कटाई पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया से पर्यावरण को गंभीर नुकसान हो रहा है और इसके दुष्प्रभाव लम्बे समय तक महसूस किए जाएंगे।

वांगचुक ने लद्दाख के संदर्भ में भी बातें कीं, जहां उन्होंने बताया कि वहां की पारिस्थितिकी को संरक्षित करने की आवश्यकता है। उनका मानना है कि स्थायी विकास के लिए स्थानीय संसाधनों का सही उपयोग और प्राकृतिक संतुलन बनाए रखना बेहद जरूरी है।

उनका यह बयान हिमाचल प्रदेश और लद्दाख में पर्यावरण संरक्षण के मुद्दे पर जागरूकता बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण है।

पर्यावरणविद सोनम वांगचुक ने लद्दाख में हिमालय के संरक्षण और लोकतंत्र की बहाली की दिशा में संघर्ष की आवश्यकता पर जोर दिया है। उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि उसने यहां के विकास कार्यों पर रोक लगा दी है और सरकार से अपील की कि वह संरक्षण के अपने वादों को पूरा करे।

वांगचुक ने चेतावनी दी कि लद्दाख की जनता झुकने के लिए तैयार नहीं है। इसके साथ ही, उन्होंने हिमाचल में फोरलेन निर्माण के दौरान पहाड़ों की अंधाधुंध कटाई पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि विकास की इस दौड़ में संतुलन बनाए रखना जरूरी है और पर्यटकों को भी इस संतोषजनक विकास की गरिमा का ध्यान रखना चाहिए।

उनका यह बयान पर्यावरण और स्थायी विकास के मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाने का काम करेगा।

पर्यावरणविद सोनम वांगचुक ने कहा है कि लद्दाख हिमालय के संरक्षण और लोकतंत्र की बहाली के लिए संघर्ष कर रहा है। उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि उसने यहां के विकास कार्यों पर रोक लगा दी है, और कहा कि यदि सरकार अपने संरक्षण के वादों को पूरा नहीं करती, तो लद्दाख की जनता झुकने के लिए तैयार नहीं है।

वांगचुक ने हिमाचल प्रदेश में फोरलेन निर्माण के दौरान पहाड़ों की अंधाधुंध कटाई पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि विकास की इस दौड़ में संतुलन बनाए रखना आवश्यक है और पहाड़ों में आने वाले पर्यटकों को भी इस संतोषजनक विकास की गरिमा का ध्यान रखना चाहिए।

उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि बड़े शहरों के लोग पहाड़ों में पर्यटन के लिए आ रहे हैं, जिसके कारण जलवायु परिवर्तन की गति तेज हो गई है। वांगचुक ने मंडी में पत्रकार वार्ता के दौरान बताया कि लद्दाख में केवल सड़कों का निर्माण हो रहा है, जबकि युवाओं के लिए रोजगार के अवसर कम होते जा रहे हैं।

सोनम वांगचुक ने स्पष्ट किया कि उनकी पदयात्रा राजनीतिक नहीं है, और उन्होंने कई राजनीतिक पार्टियों के चुनाव लड़ने के दबाव का भी सामना किया है, लेकिन वह राजनीति से दूर रहना चाहते हैं। शनिवार को उनकी पैदल यात्रा मंडी पहुंची, जहां लोगों ने उनका स्वागत किया।

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