हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने मीडिया से बातचीत में कंगना रनौत पर तीखा पलटवार किया है। उन्होंने कंगना से मांग की कि वे यह साबित करें कि प्रदेश सरकार ने सोनिया गांधी को पैसे दिए हैं, नहीं तो उन पर मानहानि का मुकदमा किया जाएगा। विक्रमादित्य ने कहा कि कंगना की फिल्म सेंसर बोर्ड द्वारा बैन की गई है, और इसी वजह से वह हिमाचल आई हैं। उन्होंने कंगना के बयान को उनके मानसिक दिवालियापन का प्रमाण बताते हुए कहा कि उनकी शिक्षा की कमी के कारण वे बार-बार विवादास्पद टिप्पणियाँ करती रहती हैं।
विक्रमादित्य सिंह ने हिमाचल प्रदेश में वक्फ बोर्ड और अन्य धार्मिक संस्थाओं में सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में शांति और भाईचारे का माहौल बनाए रखना सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने जमीन आवंटन से जुड़े सवालों का हवाला देते हुए कहा कि सभी संगठनों में बदलाव जरूरी है।
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि भीमाकाली मंदिर पहले निजी संपत्ति था, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने इसे सरकारी नियंत्रण में लाकर पारदर्शिता बढ़ाई। उन्होंने सभी धार्मिक ट्रस्टों और संस्थानों में भी इसी तरह की पारदर्शिता की आवश्यकता पर बल दिया।