शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह के बयान पर विवाद बढ़ता जा रहा है, जिसमें उन्होंने उत्तर प्रदेश की तर्ज पर हिमाचल प्रदेश में भी दुकानदारों और रेहड़ी-फड़ी संचालकों के लिए आईडी और पहचान पत्र अनिवार्य करने की बात कही थी। राज्य सरकार ने इस बयान से खुद को अलग कर लिया है और इसे उनकी व्यक्तिगत राय बताया है।
Related Posts
“मधुमेह नियंत्रण में सहायक: जिमीकंद और कचालू, चावल का सेवन कम जीआई के साथ”
जीआई (ग्लाइसेमिक इंडेक्स) वह मापदंड है, जिससे यह पता चलता है कि कोई खाद्य पदार्थ खाने के बाद रक्त में शर्करा (ब्लड शुगर) का स्तर कितनी तेजी से बढ़ता है।…
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने घोषणा की है कि अनुबंध पर काम करने वाले कर्मचारियों को साल में केवल एक बार नियमित
हिमाचल प्रदेश में, दो वर्ष का अनुबंध सेवाकाल पूरा करने वाले कर्मचारी अब साल में सिर्फ एक बार नियमित होंगे। विधायक लोकेंद्र कुमार के सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री…
हिमाचल में 1.42 लाख प्रवासी: जुलाई तक हुए सर्वे में बड़ा खुलासा
हिमाचल प्रदेश में जुलाई महीने तक हुए एक हालिया सर्वेक्षण के अनुसार, राज्य में 1.42 लाख प्रवासी रह रहे हैं। यह आंकड़ा प्रवासियों की बढ़ती संख्या और उनकी स्थानीय जीवनशैली…