विक्रमादित्य सिंह के बयान ने राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है। उन्होंने कांग्रेस नेताओं के साथ बैठक में पार्टी की सीमाएं न लांघने का निर्देश सुना, खासकर जब उनका बयान बाहरी राज्यों के पंजीकरण पर था। इस विवाद के समय संजौली मस्जिद विवाद भी चल रहा है, जिससे मामला और गरमाया। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने स्पष्ट किया कि विवाद के पीछे कोई गलत मंशा नहीं थी और अब एक कमेटी बनाई गई है। विक्रमादित्य ने कहा कि पार्टी और प्रदेश के हित सर्वोपरि हैं, और सभी निर्णय सर्वदलीय सहमति से होंगे।
विक्रमादित्य सिंह के बयान ने राजनीतिक तापमान बढ़ा दिया है। दिल्ली में केसी वेणुगोपाल और राजीव शुक्ला से मुलाकात में उन्हें पार्टी की सीमाएं न लांघने की चेतावनी दी गई। उन्होंने कहा कि बाहरी राज्यों के पंजीकरण पर उनका बयान गलत तरीके से पेश किया गया है। संजौली में मस्जिद विवाद और चुनावी माहौल में यह बयान खासा संवेदनशील बन गया। प्रतिभा सिंह ने विवाद के पीछे गलत मंशा से इनकार करते हुए कमेटी का गठन किया है, ताकि सभी निर्णय सहमति से लिए जा सकें। विक्रमादित्य ने भी संगठन के विकास पर जोर दिया है, यह कहते हुए कि प्रदेश के हित सर्वोपरि हैं।