हिमाचल प्रदेश में जंगली जानवरों, विशेषकर काले भालू और तेंदुओं के हमलों में वृद्धि हुई है, जैसा कि जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (जेडएसआई) द्वारा हाल में प्रस्तुत आंकड़ों में बताया गया है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि घनी आबादी वाले क्षेत्रों के निकट स्थित जंगलों के कारण जंगली जानवरों के हमले बढ़ गए हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, हिमाचल में लगभग 221 काले भालू और 291 तेंदुओं की पहचान की गई है। किन्नौर में काले भालुओं की संख्या सबसे अधिक, 90, दर्ज की गई है, जबकि शिमला में 71, कुल्लू में 76 और चंबा में 32 भालू हैं। तेंदुओं के मामले में, शिमला 58 के साथ शीर्ष पर है, इसके बाद सोलन में 56 और मंडी में 50 तेंदुए हैं।
जेडएसआई के शोधकर्ताओं, डॉ. ललित शर्मा और डॉ. मुकेश ठाकुर ने इस रिपोर्ट में बताया कि हिमाचल में मानव-वन्यजीव संघर्ष बढ़ रहा है, जिसमें एशियाई काले भालू और तेंदुए प्रमुख हैं। उन्होंने सुझाव दिया है कि स्थानीय समुदायों को वन्यजीव संरक्षण के प्रति जागरूक करना आवश्यक है।
रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि तेंदुओं के हमले जनवरी से अप्रैल के बीच सबसे अधिक होते हैं, विशेषकर बिलासपुर और चंबा में। मानव बस्तियों की बढ़ती संख्या और जंगलों पर निर्भरता भी इन हमलों के लिए एक महत्वपूर्ण कारण मानी जा रही है।
इस रिपोर्ट के आधार पर, वन्य प्राणी विभाग भविष्य में जंगली जानवरों के संरक्षण की दिशा में कदम उठा सकेगा, जिससे मानव और वन्यजीवों के बीच संतुलन बनाए रखा जा सके।