प्रदेश के हर्बल गार्डन में 19 लाख रुपये के निवेश से औषधीय पौधों की खेती की जाएगी। यह योजना स्थानीय लोगों को औषधीय पौधों की खेती को बढ़ावा देने और स्वास्थ्य लाभ प्रदान करने के लिए तैयार की गई है। इन हर्बल गार्डनों से न केवल पर्यावरण को फायदा होगा, बल्कि यह किसानों की आय में भी वृद्धि करेगा। स्वास्थ्य और प्राकृतिक उपचार के प्रति बढ़ती जागरूकता के चलते, ये गार्डन औषधीय पौधों की विविधता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
देश के विभिन्न जिलों के स्कूलों में हर्बल गार्डन बनाए जाएंगे, जिसके लिए उच्च शिक्षा विभाग ने 18 लाख 75 हजार रुपये का बजट जारी किया है। 75 स्कूलों का चयन किया गया है, जिसमें औषधीय पौधे उगाए जाएंगे, ताकि बच्चों को इनकी जानकारी मिल सके। हर स्कूल को 25 हजार रुपये दिए जाएंगे, और पौधों की देखरेख स्कूल प्रबंधन द्वारा की जाएगी। हर्बल पार्क का रखरखाव शिक्षक, छात्र, अभिभावक और एनजीओ मिलकर करेंगे। पौधों में तुलसी, आंवला, अश्वगंधा, और नीम जैसे औषधीय पौधे शामिल होंगे, जिन्हें विभिन्न रोगों के इलाज में उपयोग किया जाएगा। स्कूल मुखियाओं को आयुष विभाग को प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए गए हैं।