प्रदेश की बड़ी और महत्त्वाकांक्षी परियोजना, ढगवार मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट का कार्य शुरू हो गया है। इस परियोजना के तहत ढगवार में स्थित छह पुरानी बिल्डिंग्स को हटाकर एक आधुनिक मिल्क प्लांट का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें 250 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।
इस मिल्क प्लांट से कांगड़ा, चंबा, ऊना, हमीरपुर और मंडी जिलों के किसानों को लाभ होगा। फोरलेन परियोजना के बाद अन्य जिलों से भी दूध लाकर यहां प्रोसेसिंग की जाएगी। प्लांट के संचालन से 150 लोगों को सीधे रोजगार मिलेगा, और 150 सहकारी सभाएं बनाकर 10,000 से अधिक लोगों को रोजगार देने की योजना है, जिससे धर्मशाला के ग्रामीण इलाके में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
हिमाचल प्रदेश मिल्क फेडरेशन इस प्लांट का संचालन करेगा, जहां दही, लस्सी, मक्खन, घी, पनीर, फ्लेवर्ड मिल्क, खोया और मोजेरेला चीज जैसे विभिन्न उत्पाद तैयार किए जाएंगे। इस प्लांट का मुख्य उद्देश्य कांगड़ा, मंडी, हमीरपुर, चंबा और ऊना जिलों के किसानों की आर्थिकी को मजबूत करना है।
वर्तमान में, परेल, लालसिंघी, बिंद्राबन, जलाड़ी, बंगाणा और मीलवां से दूध प्लांट में प्रोसेसिंग के लिए आ रहा है। इस महत्त्वाकांक्षी योजना के अंतर्गत 1.50 लाख लीटर प्रति दिन दूध का प्रोसेसिंग करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसे भविष्य में तीन लाख लीटर प्रति दिन तक बढ़ाने की संभावना है। वर्तमान में, 1986 में स्थापित इस प्लांट की क्षमता 20,000 लीटर है।