प्रदेश में कृषि एवं वानिकी विश्वविद्यालयों की जमीन पर पायलट आधार पर भांग की खेती की शुरुआत की जाएगी। पहले इसे प्रयोग के तौर पर किया जाएगा, जिसके बाद कानूनी प्रक्रिया से इसे लागू किया जाएगा।
मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने शुक्रवार को राज्य कर एवं आबकारी विभाग, कृषि विभाग, और अन्य संबंधित विभागों के साथ बैठक की। इस बैठक में नौणी और पालमपुर कृषि विश्वविद्यालयों ने भांग की खेती पर अपनी रिपोर्ट सरकार को प्रस्तुत की।
रिपोर्ट में दिए गए सुझावों पर चर्चा की गई, और राज्य कर एवं आबकारी विभाग के आयुक्त युनूस को रिपोर्ट का अध्ययन करने के लिए कहा गया है। यह पायलट प्रोजेक्ट भांग की औषधीय उपयोगिता के आधार पर उद्योगों में इसके संभावित उपयोग का आकलन करेगा।
राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में एक समिति बनाई गई है, जिसने विधानसभा में रिपोर्ट पेश की है। प्रयोगों के सफल होने पर हिमाचल प्रदेश में भांग की खेती को कानूनी मान्यता दी जाएगी, और राज्य कर एवं आबकारी विभाग इसे संचालित करेगा।