विद्यार्थियों का शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक और सामाजिक विकास अत्यंत महत्वपूर्ण है। शिक्षित विद्यार्थी जिम्मेदार नागरिक बनकर एक सशक्त समाज का निर्माण करते हैं। इसी दिशा में प्रदेश सरकार ने शिक्षा क्षेत्र में सुधार के लिए कई नवाचार कदम उठाए हैं, जिनमें से एक है “अपना विद्यालय द हिमाचल स्कूल अडोप्शन प्रोग्राम”।
इस कार्यक्रम के अंतर्गत प्रदेशवासी राजकीय पाठशालाओं को गोद लेकर शिक्षा के सुधार में अपनी सहभागिता सुनिश्चित कर रहे हैं। इस योजना का उद्देश्य स्कूलों के विद्यार्थियों और समाज के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करना है।
कार्यक्रम की विशेषताएं
- सामाजिक कार्यों में भागीदारी: विद्यार्थियों की सामूहिक भागीदारी को बढ़ाकर उन्हें सामाजिक कार्यों से जोड़ा जा रहा है।
- करियर परामर्श: विद्यार्थियों को विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं सहित अन्य विषयों का समग्र ज्ञान दिया जा रहा है।
- स्कूलों की गोद लेने की संख्या: अब तक 427 विद्यालयों को समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों द्वारा गोद लिया गया है, जिनमें 109 राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाएं, 9 राजकीय उच्च पाठशालाएं, 33 राजकीय माध्यमिक पाठशालाएं, और 285 राजकीय प्राथमिक पाठशालाएं शामिल हैं।
जिला अनुसार विद्यालयों की संख्या
इस कार्यक्रम के तहत विभिन्न जिलों में स्कूलों की गोद लेने की संख्या इस प्रकार है:
- बिलासपुर: 21
- चंबा: 48
- हमीरपुर: 32
- कांगड़ा: 35
- किन्नौर: 2
- कुल्लू: 18
- मंडी: 66
- शिमला: 117
- सिरमौर: 1
- सोलन: 96
युवाओं के लिए जिम्मेदारी
आज का युवा सोशल मीडिया और नशे की प्रवृत्तियों से विमुख हो रहा है। इस योजना के माध्यम से युवाओं को समाज के प्रति जिम्मेदारियों का बोध करवाना मील का पत्थर साबित हो रहा है।