हिमाचल के दर्द का हल: केरल की चिकित्सा पद्धति का सहारा

हिमाचल के दर्द का हल: केरल की चिकित्सा पद्धति का सहारा

केरल की चिकित्सा पद्धति अब हिमाचल प्रदेश के लोगों का दर्द मिटाने के लिए सामने आ रही है। स्वास्थ्य मंत्री डा. (कर्नल) धनीराम शांडिल के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल केरल में पेलियम इंडिया के पैलिएटिव देखभाल मॉडल का अध्ययन कर रहा है। इसका उद्देश्य गंभीर बीमारियों से पीड़ित रोगियों को राहत प्रदान करने के लिए राज्य में पैलिएटिव देखभाल प्रणाली को मजबूत करना है। प्रतिनिधिमंडल ने त्रिवेंद्रम में एक पैलिएटिव देखभाल अस्पताल का दौरा किया और राज्य की स्वास्थ्य सेवा वितरण प्रणाली के माध्यम से इस प्रणाली के कार्यान्वयन की संभावनाओं का पता लगाने का लक्ष्य रखा है। हिमाचल प्रदेश में पहले पैलिएटिव देखभाल केंद्र की स्थापना 2015 में हुई थी, और वर्तमान में चार जिला अस्पतालों और तीन चिकित्सा महाविद्यालयों में ये सेवाएं प्रदान की जा रही हैं।

इस पहल के तहत, स्वास्थ्य मंत्री डा. शांडिल ने बताया कि केरल की प्रभावी पैलिएटिव देखभाल प्रणाली को अपनाकर हिमाचल प्रदेश में रोगियों को बेहतर सेवाएं प्रदान की जाएंगी। इस यात्रा के दौरान, प्रतिनिधिमंडल ने घरों में दी जाने वाली पैलिएटिव देखभाल सेवाओं की प्रक्रिया और प्रभावशीलता का गहन अध्ययन किया। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि गंभीर बीमारियों से जूझ रहे रोगियों को दर्द और तनाव से राहत मिले, जिससे उनकी जीवन गुणवत्ता में सुधार हो सके। नीतिगत चर्चाओं में पूर्व मुख्य सचिव एसएम विजयानंद के साथ मिलकर राज्य के स्वास्थ्य सेवा ढांचे में पैलिएटिव देखभाल की संभावनाओं को बढ़ावा देने के लिए रणनीतियाँ तैयार की जाएंगी।

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