Site icon Thehimachal.in

हिमाचल प्रदेश पहाड़ी राज्यों को एकजुट करेगा

पहाड़ी राज्यों को एकजुट करेगा हिमाचल प्रदेश

हिमाचल प्रदेश प्राकृतिक आपदाओं के बाद केंद्र सरकार से मिलने वाली राहत को लेकर देश के अन्य पहाड़ी राज्यों को एक मंच पर लाने की योजना बना रहा है। राज्य 16वें वित्त आयोग से डिजास्टर रिस्क इंडेक्स में बदलाव की मांग करेगा, ताकि भू-स्खलन जैसे मामलों में चक्रवात के मुआवजे को बढ़ाया जा सके।

16वें वित्त आयोग की टीम ने जून 2024 में हिमाचल का दौरा किया था, जहां मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य की बात रखी। राज्य ने रिवेन्यू डेफिसिट ग्रांट जारी रखने और आपदा राहत के फार्मूले में बदलाव की मांग की है। हिमाचल प्रदेश 33 प्रकार की आपदाओं में से 25 प्राकृतिक आपदाओं के लिए संवेदनशील है, लेकिन भारत सरकार का डिजास्टर रिस्क इंडेक्स लैंडस्लाइड को कम महत्व देता है, जिसके कारण पहाड़ी राज्यों को कम मुआवजा मिलता है।

मुख्यमंत्री ने सिक्किम, उत्तराखंड और अन्य नॉर्थ ईस्ट राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा है, जिसमें सुझाव दिया गया है कि सभी पहाड़ी राज्य नए वित्त आयोग के सामने एकजुट होकर अपनी बात रखें। मुख्य सचिव इस मुद्दे पर अन्य राज्यों के मुख्य सचिवों के संपर्क में हैं, ताकि वित्त आयोग से मिलने से पहले एक ठोस आधार तैयार किया जा सके।

हिमाचल सरकार ने 2026 से 2031 तक की अवधि के लिए आपदा राहत में 9250 करोड़ रुपये की मांग की है, जिसमें स्पेशल मिटिगेशन फंड, रिकवरी और रिकंस्ट्रक्शन के लिए विशेष राशि शामिल है। इस पर आयोग का निर्णय अभी आना बाकी है।

4o mini
Exit mobile version