अश्विन नवरात्र मेले के अष्टमी के दिन गुरुवार को प्रदेश के पांच शक्तिपीठों—चिंतपूर्णी, ज्वालाजी, नयनादेवी, बज्रेश्वरी देवी, और चामुंडा देवी मंदिर में एक लाख 11 हजार 200 श्रद्धालुओं ने माथा टेका। इन चार शक्तिपीठों में सातवें नवरात्र के दौरान 31 लाख 54 हजार 678 रुपए का नकद चढ़ावा प्राप्त हुआ।
नयनादेवी मंदिर में सबसे अधिक, यानी 10 लाख 85 हजार 89 रुपए का चढ़ावा चढ़ाया गया। नवरात्र मेले के दौरान मां के दर्शनों के लिए मंदिरों में श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लगी रहीं, और दिनभर मां के जयकारे गूंजते रहे। विशेष पूजा-अर्चना के साथ मंदिरों को रंग-बिरंगे सुगंधित फूलों से सजाया गया।
ऊना जिला के उपायुक्त जतिन लाल ने बताया कि चिंतपूर्णी मंदिर में अष्टमी के दिन 35 हजार श्रद्धालुओं ने शीश नवाया और इस दिन 9 लाख 46 हजार 142 रुपए का चढ़ावा प्राप्त हुआ। नयनादेवी मंदिर में 44 हजार 700 श्रद्धालुओं ने मां के चरणों में शीश नवाया।
ज्वाला जी मंदिर में 18 हजार श्रद्धालुओं ने माथा टेका और 7 लाख 24 हजार 272 रुपए का चढ़ावा चढ़ाया। कांगड़ा स्थित बज्रेश्वरी देवी मंदिर में 3 लाख 99 हजार 175 रुपए का नकद चढ़ावा मिला, जबकि चामुंडा देवी मंदिर में अष्टमी के दिन 7 हजार श्रद्धालुओं ने मां के चरणों में शीश नवाया। नवरात्र मेले के इस अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए सभी मंदिरों में बेहतर व्यवस्थाएं की गई थीं।