प्रदेश के पांच प्रमुख शक्तिपीठों—चिंतपूर्णी, नयनादेवी, ज्वालाजी, बजे्रश्वरी देवी मंदिर, और चामुंडा देवी मंदिर—में गुरुवार से शुरू होने वाले अश्विन नवरात्र मेले के लिए सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद की गई है। 3 से 11 अक्तूबर तक चलने वाले इस मेले में श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए पुलिस का कड़ा पहरा रहेगा।
पुलिस टीमें सीसीटीवी और ड्रोन के माध्यम से भी निगरानी रखेंगी। इस दौरान मालवाहक वाहनों में सवारियों को लाने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। मेले के दौरान ढोल-नगाड़े, चिमटा, लाउडस्पीकर आदि बजाने और प्लास्टिक व थर्मोकोल के इस्तेमाल पर भी सख्त पाबंदी रहेगी।
शक्तिपीठों की सुरक्षा में आईआरबीएन, जिला पुलिस और होमगार्ड के करीब 850 जवान तैनात किए जाएंगे। एसपी ऊना, राकेश सिंह के अनुसार, चिंतपूर्णी मंदिर में विशेष रूप से 300 पुलिस और होमगार्ड जवान तैनात किए गए हैं। मेला क्षेत्र को चार सेक्टर में विभाजित किया गया है।
नयनादेवी मंदिर के लिए भी 300 पुलिस और होमगार्ड जवानों की तैनाती की गई है, और मेला क्षेत्र को नौ सेक्टर में बांटा गया है। इसके अतिरिक्त, कांगड़ा जिला के ज्वालाजी, बजे्रश्वरी देवी मंदिर, और चामुंडा देवी मंदिर में अष्टमी नवरात्र मेले के लिए 200 जवानों की तैनाती की गई है।
सभी सुरक्षा प्रबंधों के साथ, श्रद्धालुओं की भक्ति और आस्था को ध्यान में रखते हुए, इस नवरात्रि मेले को सफल और सुरक्षित बनाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।