बागबानी हिमाचल प्रदेश की कृषि अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है, जिसने देशभर में अपनी पहचान बनाई है। वर्तमान में, राज्य में लगभग 234 लाख हेक्टेयर भूमि बागबानी के लिए समर्पित है, जिससे सालाना औसत आय लगभग 5000 करोड़ रुपए होती है। यह क्षेत्र प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से नौ लाख लोगों को रोजगार प्रदान करता है।
उद्यान विभाग ने बागबानों के लिए इस बार आठ नई सेब की किस्मों के पौधे तैयार किए हैं, जो उचित दामों पर उपलब्ध करवाए जाएंगे। नर्सरियों में तैयार किए गए पौधे दिसंबर से अप्रैल के बीच बागबानों को दिए जाएंगे। नर्सरी मैनेजमेंट सोसायटी ने 93 पौधशालाओं में लगभग छह लाख पौधे तैयार किए हैं, जिनमें से 32 किस्में सेब की हैं।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने लघु एवं सीमांत बागबानों के लाभ के लिए कई नई योजनाओं की घोषणा की है। किन्नौर जिले में जियोथर्मल तकनीक से विश्व का पहला नियंत्रित वातावरण भंडारण सीए स्टोर बनने जा रहा है। इसके साथ ही, सेब के कार्टन बॉक्स पर जीएसटी की दरें 18 से 12 फीसदी की गई हैं।
राज्य सरकार ने बागबानी क्षेत्र के लिए 531 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान किया है, जिसमें सिंचाई योजनाओं का विकास और उच्च सघनता वाले फलदार पौधों का रोपण शामिल है। इसके अलावा, सेब और आम के समर्थन मूल्य में वृद्धि की गई है, जिससे बागबानों को और अधिक लाभ मिलेगा।