राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि राज्य सरकार पौंग विस्थापितों के लंबित मामलों को निपटाने के लिए तत्परता से काम कर रही है। उन्होंने अधिकारियों को आवश्यक निर्देश भी दिए हैं। पौंग विस्थापितों की समस्याओं के समाधान के लिए एक सब-कमेटी का गठन किया जाएगा, जो नियमित रूप से मामलों की समीक्षा करेगी।
शुक्रवार को उपायुक्त कार्यालय के सभागार में पौंग बांध विस्थापित, राहत एवं पुनर्वास समिति की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए मंत्री ने कहा कि जिन विस्थापितों को राजस्थान में अब तक जमीन उपलब्ध नहीं करवाई गई है, उनके मामलों को जल संसाधन मंत्रालय की हाईपावर कमेटी के समक्ष रखा गया है।
राज्य के अधिकारियों का एक दल बीकानेर में भूमि निरीक्षण और अन्य लंबित मामलों के लिए शीघ्र प्रवास करेगा। पौंग विस्थापितों के मामलों का समयबद्ध निपटारा सुनिश्चित करने के लिए हर महीने राजस्थान के राजस्व अधिकारियों के साथ बैठकें आयोजित करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
मंत्री ने बताया कि पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए पौंग विस्थापितों का रिकॉर्ड गूगल शीट पर तैयार किया गया है, जिसे राजस्थान सरकार के साथ साझा किया गया है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा ने बताया कि पौंग डैम बनने से कांगड़ा जिले के विभिन्न उपमंडलों में 20,722 परिवार प्रभावित हुए थे, जिनमें से 16,352 को जमीन मुहैया करवाने की प्रक्रिया शुरू की गई है। हालांकि, 6,736 प्रभावित परिवारों के मामले अभी भी लंबित हैं। उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि पौंग डैम प्रभावितों का राजस्व रिकॉर्ड तैयार किया गया है।