खाद्य आपूर्ति निगम के डिपो में निर्धारित माप-तोल के अनुसार सामग्री नहीं मिल रही है, जिससे डिपोधारकों को हर माह आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। मंडी जिला के बालीचौकी क्षेत्र के एक डिपो में 910 ग्राम रिफाइंड तेल के पाउच से केवल 530 ग्राम तेल निकला है। इस घटना का वीडियो भी वायरल हुआ है।
इससे पहले, बिलासपुर के घुमारवीं ब्लॉक में भी उचित मूल्य की दुकान पर आटा और चावल कम भेजे गए थे, जिस पर डिपो धारक ने खाद्य आपूर्ति विभाग से शिकायत की। विभागीय निरीक्षक द्वारा जांच में आटा और चावल दोनों कम पाए गए।
इसके अलावा, डिपो पर भेजी जा रही सरसों और रिफाइंड तेल की पेटियों में 12 पाउच के बजाय 11 पाउच ही मिल रहे हैं, और कई बार पाउच कटे-फटे भी पाए जा रहे हैं। प्रदेश डिपो संचालक समिति के अध्यक्ष अशोक कवि ने बताया कि उन्हें प्रदेशभर से ऐसी शिकायतें मिल रही हैं।
समिति ने यह भी कहा है कि वे जल्द ही मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से मिलकर अपनी लंबित मांगों को लेकर चर्चा करेंगे। सरकार द्वारा डिपो संचालकों को केवल चार प्रतिशत कमीशन दिया जा रहा है, जो संचालन की लागत को भी पूरा नहीं करता। कांग्रेस ने चुनाव के दौरान डिपो धारकों को 20,000 रुपये मासिक वेतन और वन टाइम लाइसेंस की व्यवस्था का वादा किया था।