अहोई अष्टमी का त्योहार विशेष रूप से माताओं द्वारा मनाया जाता है, जो अपने बच्चों की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए उपवास करती हैं। इस दिन महिलाएं सुबह से ही व्रत रखती हैं और शाम को विशेष पूजा करती हैं।
महिलाएं इस दिन एक खूबसूरत आकृति बनाती हैं, जिसे “अहोई” कहा जाता है, और उसके सामने दीप जलाकर पूजा करती हैं। इसके साथ ही, वे अपने बच्चों की भलाई और खुशहाली की कामना करती हैं। अष्टमी तिथि को होने वाले इस व्रत का महत्व परिवार और संतान के सुख-समृद्धि में देखा जाता है।
इस अवसर पर विशेष पकवान तैयार किए जाते हैं, और परिवार के सभी सदस्य मिलकर इस त्योहार को मनाते हैं। अहोई अष्टमी की पूजा का उद्देश्य मातृ शक्ति का सम्मान और संतान के प्रति अटूट प्रेम को दर्शाना है।