यह धार्मिक अनुष्ठान लगभग 52 वर्षों के बाद आयोजित किया जा रहा है; इससे पहले 1972 में शांत महायज्ञ का आयोजन हुआ था। इस अनुष्ठान में शिमला, सोलन, सिरमौर के अलावा उत्तराखंड से करीब 25 हजार श्रद्धालुओं के भाग लेने की संभावना है, और यदि मौसम अनुकूल रहा, तो यह आंकड़ा 30 हजार को पार कर सकता है। 11 अक्टूबर को सुबह 11 बजे से एक बजे के बीच कुरुड़ स्थापित किया जाएगा।
इस आयोजन की भव्यता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि शोभा यात्रा में विभिन्न क्षेत्रों से शिरगुल महाराज की 12 पालकियां शामिल होंगी।
चूड़धार मंदिर का जीर्णोद्धार कार्य पिछले कई वर्षों से चल रहा है, और अब यह पूर्ण हो चुका है। मंदिर और कुरुड़ में प्रदेश के कारीगरों द्वारा बेहतरीन काष्ठकला की नक्काशी की गई है। हेमचंद वर्मा ने बताया कि आयोजन की सफलत के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं और संबंधित नोडल अधिकारियों को आवश्यक निर्देश जारी कर दिए गए हैं। तहसीलदार चौपाल रेखा शर्मा और खंड विकास अधिकारी चौपाल विनीत ठाकुर को ठहरने की व्यवस्था के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। अन्य जिम्मेदारियों के लिए भी अलग-अलग अधिकारियों को नियुक्त किया गया है।