माचल के सोलन जिले में सरसों के तेल के सैंपल फेल होने के बाद अब ऊना जिले में जूस के सैंपल भी मानकों पर खरे नहीं उतरे हैं। ये सैंपल लगभग दो महीने पहले रेहड़ियों से लिए गए थे, और अब फूड एंड सेफ्टी विभाग इन जूस बेचने वालों के खिलाफ नोटिस भेजने की तैयारी कर रहा है।
समय पर रिपोर्ट न आने से विभागीय प्रक्रिया पर सवाल उठते हैं। जूस के सैंपल की रिपोर्ट आने में इतना समय लग गया कि संभव है कई लोग इन्हें पीकर बीमार हो चुके हों। यदि रिपोर्ट समय पर मिल जाती, तो विभाग इन जूसों की बिक्री को रोक सकता था।
डॉक्टर्स भी बीमार लोगों को जूस पीने की सलाह देते हैं, लेकिन अब लोगों को इस बात का भी डर है कि क्या उनका पीया हुआ जूस सुरक्षित था। पहले केवल पैक्ड जूस पर संदेह था, लेकिन अब फ्रेश जूस के सैंपल फेल होने से लोगों का विश्वास भी डगमगा गया है।
फूड एंड सेफ्टी विभाग के सहायक आयुक्त जगदीश धीमान के अनुसार, तीन जूस के सैंपल फेल पाए गए हैं, जबकि तीन मानकों पर खरे उतरे हैं।
स्वास्थ्य विभाग समय-समय पर खाद्य वस्तुओं के सैंपल भरता है, लेकिन प्रदेश में केवल एक सरकारी लैब होने के कारण रिजल्ट आने में कई बार महीनों लग जाते हैं। ऐसे में यह सवाल उठता है कि स्वास्थ्य विभाग खाद्य पदार्थों के सैंपल पहले से क्यों नहीं भरता।