बाबा बालकनाथ दियोटसिद्ध मंदिर की कैंटीन में रोट के सैंपल फेल होने के बाद खाद्य सुरक्षा विभाग अब उत्तरी भारत के प्रसिद्ध शक्तिपीठ, श्री नयनादेवी जी में सैंपलिंग करेगा। खासकर, विभाग द्वारा नयनादेवी मंदिर के प्रसाद और कैंटीन में बनने वाले बेसन के सैंपल लिए जाएंगे, जो जांच के लिए लैब भेजे जाएंगे। दियोटसिद्ध मंदिर के रोट के सैंपल फेल होने के बाद खाद्य सुरक्षा विभाग ने इस मुद्दे पर सख्त कदम उठाए हैं और अब नयनादेवी क्षेत्र में सैंपलिंग की योजना बनाई है।
नयनादेवी मंदिर की कैंटीन में देसी घी में बना बेसन करीब 350 रुपये प्रति किलोग्राम बिकता है, और यह श्रद्धालुओं द्वारा मां के आशीर्वाद के रूप में घर ले जाया जाता है। इस प्रक्रिया को देखते हुए खाद्य सुरक्षा विभाग ने प्रसाद और अन्य खाद्य वस्तुओं के सैंपलिंग का निर्णय लिया है, ताकि उनकी गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके। विभाग ने इस अभियान को लेकर चेतावनी दी है कि नियमों का पालन न करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
महेश कश्यप, सहायक आयुक्त खाद्य सुरक्षा विभाग ने कहा कि नयनादेवी में प्रसाद और अन्य खाद्य वस्तुओं के सैंपल जल्द ही भरे जाएंगे। विभाग का कहना है कि समय-समय पर खाद्य पदार्थों की सैंपलिंग की जाती है और नियमों का उल्लंघन होने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।