अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में सेना के चिकित्सा अधिकारियों और पैरामेडिक्स को आवश्यक जीवनरक्षक कौशल सिखाने के लिए एक तीन दिवसीय प्रशिक्षण पाठ्यक्रम शुरू किया गया है। पंचप्राण पहल के तहत यह प्रशिक्षण बुनियादी, आपातकालीन और अभिघात देखभाल पर केंद्रित है, और जालंधर के बीएसएफ चिकित्सा अधिकारियों और पैरामेडिक्स के लिए कौशल और सिमुलेशन केंद्र में चल रहा है। अगले तीन महीनों में कुल चार बैच इस विशेष प्रशिक्षण में भाग लेंगे।
प्रशिक्षण में बुनियादी जीवन समर्थन (बीएलएस), आपातकालीन स्थितियों, आघात, सदमा, जलन, और मस्कुलोस्केलेटल चोटों के प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। पाठ्यक्रम में बुनियादी और उन्नत वायुमार्ग प्रबंधन तकनीकों पर कार्यशालाएं भी शामिल हैं।
बीएसएफ पंजाब की डीआईजी डॉ. नीता पालीवाल उद्घाटन सत्र में उपस्थित थीं। एम्स के कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर वीर सिंह नेगी ने इस पहल का महत्व बताया और कहा कि यह कदम ट्रॉमा केयर क्षमताओं को बेहतर बनाने की दिशा में उठाया गया है, और भविष्य में अन्य सुरक्षा बलों के साथ मिलकर इस क्षमता को और सुदृढ़ किया जाएगा।