हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने यह भी कहा कि चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के लिए स्थानांतरण आदेश उनके अधिकारों के उल्लंघन के रूप में हो सकते हैं, खासकर जब उनकी सेवा अवधि के दौरान स्थानांतरण के प्रावधानों का पालन न किया जाए। कोर्ट ने कर्मचारियों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए एक स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करते हुए कहा कि किसी कर्मचारी का तबादला तब तक नहीं किया जा सकता, जब तक वह अपने निर्धारित कार्यकाल को पूरा नहीं करता। इस फैसले से यह स्पष्ट हो गया है कि कर्मचारी के तबादले के मामलों में कानून और नियमानुसार प्रक्रिया का पालन करना जरूरी है, ताकि कर्मचारी को किसी भी प्रकार के अव्यवस्थित स्थानांतरण से बचाया जा सके।
हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश में कहा कि कर्मचारी को तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा किए बिना उसका तबादला मान्य नहीं होगा। यह आदेश उच्च न्यायालय ने एक सरकारी कर्मचारी के तबादले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनाया। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि कार्यकाल पूरा किए बिना तबादला नियमों का उल्लंघन होगा, और ऐसे आदेशों को असंवैधानिक मानते हुए रद्द कर दिया। यह फैसला कर्मचारी अधिकारों की रक्षा के लिए एक अहम कदम साबित हो सकता है।