चिकित्सा क्षेत्र में आधुनिक तकनीक का उपयोग गंभीर बीमारियों से ग्रस्त मरीजों के लिए एक बड़ा लाभ साबित हो रहा है। अब चंडीगढ़ स्थित पीजीआई को एक विशेष ड्रोन प्राप्त हुआ है, जो एक बार चार्ज होने पर 100 किलोमीटर तक उड़ान भर सकता है। इस ड्रोन की मदद से अब हिमाचल प्रदेश के एम्स से पीजीआई तक मानव अंग (ह्यूमन ऑर्गन) को जल्द और सुरक्षित तरीके से लाया जा सकेगा। नई व्यवस्था के तहत अब ये अंग केवल एक घंटे में पीजीआई तक पहुंचाए जा सकेंगे, जबकि पहले एंबुलेंस द्वारा यह यात्रा चार घंटे में पूरी होती थी, जिसमें ट्रैफिक जाम की वजह से देरी भी हो जाती थी। इस नई तकनीक से अब समय की बचत होगी और अंगों की पहुंच में कोई रुकावट नहीं आएगी।
ड्रोन को दिल्ली तक उड़ाने की भी योजना बनाई जा रही है। पीजीआई के टेली मेडिसिन विभाग के प्रमुख, डॉ. बीमन सैकिया ने बताया कि यह 18 किलो वजनी ड्रोन पांच किलो तक वजन उठा सकता है और एक घंटे में 100 किलोमीटर की दूरी तय कर सकता है। यह ड्रोन रिमोट कंट्रोल से संचालित होगा और इसमें जीपीएस सिस्टम भी होगा, जिससे इसे उपग्रह की सहायता से ट्रैक किया जा सकेगा। ड्रोन 4,000 फुट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकेगा, जिससे पक्षियों से टकराने की संभावना कम हो जाएगी।