हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सिंह सरकार पर्यटन को आय का प्रमुख स्रोत बनाने की दिशा में तेजी से काम कर रही है। सरकार ने ईको टूरिज्म के तहत 50 बड़े प्रोजेक्ट केंद्र सरकार को मंजूरी के लिए भेजे हैं। केंद्रीय वन और पर्यावरण मंत्रालय से स्वीकृति मिलने के बाद इन प्रोजेक्ट्स पर काम शुरू होगा। इनमें ज्यादातर वन विभाग के विश्राम गृह शामिल हैं, जिन्हें विकसित कर होटल की तरह किराये पर देने की योजना है। मुख्यमंत्री पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि ये विश्राम गृह राज्य के लिए “सफेद हाथी” नहीं होंगे, बल्कि आय का साधन बनेंगे।
वन विभाग इन विश्राम गृहों में भोजन, सफाई और सुरक्षा सेवाओं को आउटसोर्स करेगा, जिससे स्थानीय ग्रामीणों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। खास बात यह है कि विश्राम गृहों में काम करने वाले कुक, सफाईकर्मी और सुरक्षा कर्मचारी भी आउटसोर्स के माध्यम से नियुक्त किए जाएंगे।
अब तक हिमाचल में आधा दर्जन ईको टूरिज्म साइट्स को विकसित करने की मंजूरी मिल चुकी है, जबकि 50 अन्य साइट्स पाइपलाइन में हैं। केंद्र से स्वीकृति मिलते ही ईको टूरिज्म सोसायटी इन प्रोजेक्ट्स को संचालित करने के आदेश जारी करेगी। साथ ही, वन विभाग बड़े पैमाने पर कुक और हेल्पर जैसे स्टाफ की भर्ती करेगा।
सरकार ने 2017 की ईको टूरिज्म नीति में संशोधन कर इसे समुदाय-आधारित मॉडल के रूप में तैयार किया है, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। मुख्यमंत्री ने यह भी आश्वासन दिया है कि हिमाचल आने वाले पर्यटकों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना नहीं करना पड़ेगा।