नागर विमानन मंत्रालय में राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने कहा कि गग्गल हवाई अड्डे पर रनवे की लंबाई बढ़ाकर 3010 मीटर करने के लिए भारतीय विमानन प्राधिकरण द्वारा तैयार प्रस्ताव फिलहाल राज्य सरकार के विचाराधीन है। राष्ट्रीय नागर विमानन नीति 2016 के तहत हवाई अड्डे के विकास के लिए संबंधित राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि वह नि:शुल्क और सभी बाधाओं से मुक्त भूमि उपलब्ध कराए। यह जानकारी गुरुवार को राज्यसभा सांसद डा. सिकंदर कुमार द्वारा गग्गल हवाई अड्डे के विस्तारीकरण से जुड़े सवाल पर दी गई।
राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने बताया कि गग्गल हवाई अड्डे के रनवे विस्तार के लिए भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने राज्य सरकार से 369.82 एकड़ अतिरिक्त भूमि की मांग की है। यह भूमि हवाई अड्डे के रनवे विस्तार के लिए जरूरी है, और वर्तमान में राज्य सरकार इस भूमि को सौंपने की प्रक्रिया में है ताकि इस महत्त्वपूर्ण परियोजना की शुरुआत की जा सके। उन्होंने कहा कि रनवे विस्तार से हवाई अड्डे की क्षमता में वृद्धि होगी, जिससे भविष्य में हवाई यात्री परिवहन में सुधार होगा।
इसके अलावा, उन्होंने यह भी बताया कि राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन नीति 2016 के अनुसार, हवाई अड्डे के विकास के लिए भूमि उपलब्ध कराना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। वहीं, डा. सिकंदर कुमार के सवाल पर राज्य मंत्री ने यह भी जानकारी दी कि हिमाचल प्रदेश में शिमला और कुल्लू के हवाई अड्डे, रामपुर और मंडी के हेलिपोर्ट पहले ही शुरू हो चुके हैं, जिनसे तकनीकी विशेषज्ञों और स्थानीय रोजगार के अवसरों में वृद्धि हो रही है।