मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने गुरुवार को डीसी-एसपी सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए हिमाचल प्रदेश के विभिन्न जिलों के अधिकारियों को राज्य सरकार की प्रमुख योजनाओं के तेज क्रियान्वयन के निर्देश दिए। उन्होंने खासतौर पर ऊना, बिलासपुर, चंबा, किन्नौर और लाहुल-स्पीति के अधिकारियों से जनता को कल्याणकारी योजनाओं का लाभ शीघ्र प्रदान करने के लिए आवश्यक कदम उठाने को कहा। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि सभी उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक अपने कार्यालयों में सप्ताह में दो दिन जन शिकायतों का समाधान सुनिश्चित करें। इसके लिए राज्य सरकार जल्द ही एक मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) जारी करेगी।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार सुशासन, पारदर्शिता और ईमानदार कार्यप्रणाली को अपनी प्राथमिकता मानते हुए सभी सरकारी निर्देशों का कड़ाई से पालन करेगी। उन्होंने अधिकारियों से सुझाव मांगे, ताकि शासन प्रणाली को बेहतर किया जा सके और लोगों को अधिक से अधिक सेवाएं मुहैया कराई जा सकें। इसके साथ ही, मुख्यमंत्री ने उपायुक्तों को जिलों में लंबित राजस्व मामलों के समाधान की निगरानी करने और समयबद्ध निपटान के लिए नियमित बैठकें आयोजित करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने हिमाचल प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया और विकास के लिए एक स्पष्ट रोडमैप के तहत विभिन्न योजनाओं के सफल क्रियान्वयन को सुनिश्चित किया। साथ ही, उन्होंने बिलासपुर जिले में गोबिंद सागर झील में जल क्रीड़ा गतिविधियों की शुरुआत के लिए जिला प्रशासन की सराहना की और ऊना जिला को भी इस दिशा में कदम उठाने के निर्देश दिए।
इसके अतिरिक्त, मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सबसे बेहतर प्रदर्शन वाले जिलों को पुरस्कार प्रदान किए। कांगड़ा को जिला सुशासन सूचकांक 2023-24 में पहले स्थान पर आने पर 50 लाख रुपये का पुरस्कार मिला, जबकि बिलासपुर और हमीरपुर को क्रमशः 35 लाख और 25 लाख रुपये का पुरस्कार दिया गया। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सुशासन और अच्छा प्रशासन राज्य के विकास के लिए आवश्यक हैं, और जिला प्रशासन राज्य शासन की महत्वपूर्ण इकाई है।