हिमाचल प्रदेश में रबी फसलों की बुआई के लिए नवंबर और दिसंबर का महीना महत्वपूर्ण होता है, लेकिन डीएपी खाद की कमी ने किसानों की परेशानियों को बढ़ा दिया है। जिला ऊना सहित अन्य जिलों में डाया खाद का संकट बढ़ता जा रहा है, जिससे किसानों को मजबूरी में एनपीके और 16-16 खाद का उपयोग करना पड़ रहा है, जो उनके अनुसार प्रभावी नहीं है।
कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार, ऊना में 35,514 हेक्टेयर में गेहूं की फसल की बुवाई होती है, और इस खाद की कमी से पैदावार पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। किसानों को डीएपी खाद पर केंद्र और राज्य सरकार से सबसिडी मिलती है, जिससे इसकी कीमत 1300 रुपए प्रति 50 किलो बैग तक पहुंचती है।
ईफको ऊना के प्रभारी ने बताया कि उत्पादन में कुछ तकनीकी कारणों से रुकावट आई थी, लेकिन अब समस्या हल हो चुकी है और खाद की सप्लाई जल्द ही प्रदेश में उपलब्ध होगी। इस स्थिति से राहत मिलने की उम्मीद है, जिससे किसानों की चिंता कम हो सकेगी।