हिमाचल प्रदेश में शादियों और अन्य समारोहों में शराब परोसने को लेकर आबकारी और कराधान विभाग ने कड़े निर्देश जारी किए हैं। बिना लाइसेंस शराब परोसने पर अब सख्त कार्रवाई की जाएगी। विभाग की टीमें किसी भी समय निरीक्षण के लिए समारोह में पहुंच सकती हैं, और बिना लाइसेंस शराब पाए जाने पर आयोजकों के खिलाफ मामला दर्ज होगा। यह कार्रवाई आबकारी अधिनियम 2011 के तहत की जाएगी। विभाग ने जन्मदिन, रिटायरमेंट पार्टी और अन्य उत्सवों पर भी इसी नियम को लागू किया है।
आबकारी विभाग ने शराब परोसने के लिए लाइसेंस की अनिवार्यता पर जोर देते हुए न्यूनतम 600 रुपये की फीस निर्धारित की है। इस लाइसेंस के जरिए उपभोक्ता तय मानकों के अनुसार नजदीकी दुकान से शराब खरीद सकते हैं। इसके साथ ही विभाग ने अवैध रूप से शराब परोसने की सूचना देने वालों का नाम गुप्त रखने की भी गारंटी दी है। बाहरी राज्यों, खासतौर पर चंडीगढ़ से शराब लाकर हिमाचल में परोसे जाने की घटनाओं पर भी विभाग ने गंभीर रुख अपनाया है। यह कदम न केवल अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए उठाया गया है, बल्कि राज्य के राजस्व में बढ़ोतरी सुनिश्चित करने के उद्देश्य से भी है।