पिछले कुछ दिनों से ऊना जिले में धुआं रहित धुंध की चादर छाई हुई है, जिससे लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है। वायु प्रदूषण से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग ने एडवाइजरी जारी कर एन-95 मास्क पहनने और आवश्यक सावधानियां बरतने की अपील की है।
धुंध का प्रभाव
यह धुंध मुख्य रूप से उन लोगों को प्रभावित कर रही है जो पहले से ही सांस, फेफड़ों और आंखों से संबंधित बीमारियों से ग्रस्त हैं। प्रदूषण के कारण इन रोगियों को बाहर निकलने और सफर के दौरान सांस लेने में परेशानी हो रही है।
वायु प्रदूषण के कारण
- पराली जलाने से निकला धुआं।
- दिवाली के दौरान पटाखे और आतिशबाजी।
- औद्योगिक और परिवहन उत्सर्जन।
- सूखा और हवाओं की कमी।
एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI)
ऊना का एक्यूआई 82 है, जो सामान्य स्थिति में आता है। हालांकि, 100 से अधिक AQI खतरनाक माना जाता है। प्रदूषण विभाग ने बताया कि ऊना में हवा और बारिश की कमी के कारण धुआं और गैस निचले स्तर पर ठहर गई है।
स्वास्थ्य विभाग की एडवाइजरी
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संजीव कुमार वर्मा द्वारा जारी एडवाइजरी में वायु प्रदूषण से बचने के लिए निम्नलिखित उपाय सुझाए गए हैं:
- सुबह और शाम के समय बाहरी गतिविधियों से बचें।
- भारी ट्रैफिक और उद्योग क्षेत्रों से दूर रहें।
- घर की खिड़कियां दोपहर 12 से 4 बजे के बीच खोलें।
- लकड़ी, कोयला, और बीड़ी-सिगरेट के धुएं से बचें।
- आंखों को साफ पानी से धोएं और गुनगुने पानी से गरारे करें।
- एन-95 मास्क का उपयोग करें।
- गंभीर लक्षण होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।